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टाटा समूह जो देश की आन, बान, शान है और भारत को बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए सदैव तत्पर रहता है। एयर इंडिया के महाराजा 69 साल अनगिनत उतार चढ़ाव देखने के बाद अब पूरी शानो शौकत से अपने राजमहल पहुंच गए हैं। यह महाराजा की घर वापसी जैसा पल है।
जिस एयर इंडिया को चलाए रखने के लिए देश के
करदाताओं के 20 हजार रुपए रोज खर्च हो रहे थे, वो अब अपने संस्थापक टाटा
समूह के पास वापस पहुंच गया है। वही टाटा समूह जो देश की आन, बान, शान है
और भारत को बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए सदैव तत्पर रहता है। एयर इंडिया
के महाराजा 69 साल अनगिनत उतार चढ़ाव देखने के बाद अब पूरी शानो शौकत से
अपने राजमहल पहुंच गए हैं। यह महाराजा की घर वापसी जैसा पल है। एयर इंडिया
के 90 साल के इतिहास में इसके मालिक बदले, लेकिन शुभंकर यानी महाराजा नहीं
बदला। एयरलाइन के सभी विज्ञापन अभियानों में लंबी मूंछों और लाल पगड़ी वाले
महाराजा की विश्व भर में हमेशा धाक रही। जिस एयर इंडिया को 1932 में जेआरडी
टाटा ने शुरू किया था, अब वो फिर से टाटा समूह के पास आ गयी है। तब इसका
नाम टाटा एयरलाइंस होता था। आजादी मिलने के बाद, 1953 में इसका
राष्ट्रीयकरण हुआ। सरकार ने घरेलू सेवाओं के लिए इसे इंडियन एयरलाइंस और
अंतर्राष्ट्रीय सेवाओं के लिए एयर इंडिया इंटरनेशनल नाम दिया था। आज एयर
इंडिया के पास अपने 144 हवाई जहाजों के अलावा, देश में 4480 और विदेशों में
2738 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट मौजूद हैं।
वर्ष 1946 में शुरू हुए महाराजा शुभंकर का
रुतबा आज भी बरकरार है, हालांकि 2015 में महाराजा ने जींस व स्निकर के साथ
आधुनिक रूप अपना लिया। महाराजा शुभंकर का डिजायन एयर इंडिया के तत्कालीन
कमर्शियल डायरेक्टर सोराब कैकुशरू उर्फ बॉबी कूका और जे वॉल्टर थॉम्पसन
लिमिटेड नामक विज्ञापन एजेंसी के चित्रकार उमेश राव ने तैयार किया था। बॉबी
अपने दोस्त उद्योगपति सैयद वाजिद अली की मूंछों और पगड़ी से इतने प्रभावित
थे कि महाराजा का लुक भी वहीं से ले लिया। इस बीच, टाटा स्काई का नाम बदल
कर टाटा प्ले कर दिया गया है। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि हो न हो,
टाटा समूह की तीनों एयरलाइनें (एयर इंडिया, विस्तारा और एयर एशिया) अब
टाटा स्काई के बैनर तले आ जाएंगी। टाटा समूह ने आगामी वर्षों में डिजिटल,
न्यू इनर्जी, लचीली सप्लाई चेन और हेल्थकेयर पर ध्यान केंद्रित करने की
घोषणा की है। टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन का कहना है कि
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की अर्थव्यवस्था के 8.5 प्रतिशत की दर
से बढ़ने का अनुमान लगाया है, जो दुनिया की अर्थव्यवस्था वृद्धि के अनुमानित
4.9 प्रतिशत से अधिक है।
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