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भारतीय निर्यातक महासंघ (फियो) के अध्यक्ष ए शक्तिवल ने नयी विदेश व्यापार नीति का स्वागत करते हुए कहा कि इससे भारतीय निर्यात नयी ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।
नयी दिल्ली- उद्योग जगत ने
देश की नयी विदेश व्यापार नीति का स्वागत करते हुए इसे समग्र, व्यावहारिक और
वैश्विक परिस्थितियों के अनुकूल बताया है और कहा है कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था
के विकास को बल मिलेगा। भारतीय निर्यातक महासंघ (फियो) के अध्यक्ष ए शक्तिवल ने नयी विदेश व्यापार
नीति का स्वागत करते हुए कहा कि इससे भारतीय निर्यात नयी ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।
उन्होंने कहा कि नीति में विनिर्माण, कारोबार के अनुकूल परिवेश और रुपये के
अंतरराष्ट्रीयकरण पर बल दिया गया है जिसके दूरगामी परिणाम होंगे। यह नीति अर्थव्यवस्था
के विकास को गति देने और रोजगार के अवसर सृजित करने में सहायक होगी। क्षमा योजना
से विदेश व्यापार कारोबारियों को राहत मिलेगी और कारोबार छूट और रियायतों से मुक्त
होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को नयी विदेश व्यापार नीति लागू करने में तीन से छह
महीने का समय देना चाहिए, जिससे पुराने सौदों को पूरा किया जा सके।
भारतीय व्यापार एवं उद्याेग मंडल (एसौचेम) ने नयी विदेश व्यापार नीति का
स्वागत करते हुए कहा है कि इससे निर्यातकों को वैश्विक व्यापार में भारतीय
हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि
क्षेत्रों का ध्यान रखकर बनायी गयी व्यापार नीति व्यावहारिक है और इससे तेजी बदलते
वैश्विक परिदृश्य में भारतीय उत्पादों के लिए जगह बनाने में मदद मिलेगी।
भारतीय व्यापार एवं उद्याेग महासंघ (फिक्की) ने विदेश व्यापार नीति का स्वागत
करते हुए इसे समग्र और अनुकूल बताया है। फिक्की के अध्यक्ष शुभ्रकांत पांडा ने कहा
है कि इससे आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य प्राप्त करने पर बल दिया गया है। इसकी भारत
को एक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसमें वर्ष 2030 तक दो हजार अरब
डालर का निर्यात लक्ष्य हासिल करने की संभावनायें हैं। इस नीति से निर्यात आयात
कारोबार में स्थिरता आयेगी और दीर्घकालीन नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। नीति में
ई-कॉमर्स, भारतीय रुपये का
अंतरराष्ट्रीयकरण, जिला उत्पाद
केंद्र और व्यापार सुधारों को शामिल करना स्वागत योग्य कदम हैं।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा है कि
विदेश व्यापार नीति में नये कदम उठायें गये हैं जिनमें यह लंबे समय तक चलेगी। इन
कदमों से विदेश व्यापार में वृद्धि होगी और अर्थव्यवस्था के विकास को गति मिलेगी।
पीएचडी चैंबर्स ऑफ कामर्स के अध्यक्ष साकेत डालमिया ने कहा है कि यह बहुआयामी, विकेंद्रित और
नये क्षेत्र में ले जाने वाली है। इससे वैश्विक पटल पर भारतीय निर्यात में तेजी
आयेगी और भारतीय उत्पाद प्रतिस्पर्धी बनेंगे। उन्होंने कहा कि रुपये का
अंतरराष्ट्रीयकरण करने से विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहे, वे भारत के साथ
व्यापार कर सकेंगे। नयी नीति से भारतीय विदेश व्यापार में अनिश्चितता हटेगी और
दीर्घकालीन नियोजन संभव होगा।
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