श्री दास ने विभिन्न योजनाओं के लिए प्रत्यक्ष नकदी हस्तांतरण (डीबीटी) में पीएफएमएस को गेमचेंजर बताते हुए कहा कि डीबीटी ने बिचौलियों की व्यवस्था को खत्म कर दिया है और लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण सुनिश्चित किया है एवं पीएफएमएस ने वित्तीय सेवाओं की आपूर्ति में सबसे अहम साधन के रूप में काम किया है।
श्री दास ने पीएफएमएस का 100 फीसदी इस्तेमाल पूरा करने के लिए ओडिशा को बधाई भी दी और कहा कि ओडिशा उन छह राज्यों में शामिल है जिन्होंने पूरे देश में पीएफएमएस को सफलतापूर्वक लागू किया है। उन्होंने कहा, “पीएफएमएस एक अहम भूमिका निभा रहा है और यह शासन को आसान व सभी के लिए सुगम बना रहा है।”
वित्त विभाग, ओडिशा सरकार के प्रमुख सचिव श्री विशाल कुमार देव भी इस कार्यशाला में शामिल हुए और उन्होंने कहा कि पीएफएमएस ने कई वर्षों के दौरान सार्वजनिक वित्त के प्रबंधन में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। श्री देव ने कहा, “पीएफएमएस ने शासन प्रणाली में ज्यादा विश्वसनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित की है।”
कार्यक्रम के दौरान, सिंगल नोडल अकाउंट (एसएनए) और रिसीट एक्सपेंडिचर एडवांस ट्रांसफर (रीट) मॉड्यूल पर तकनीक कार्यशाला का आयोजन किया गया। भारतीय स्टेट बैंक, कैनरा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक ने भी एसएनए मॉडल में अपने मूल्य वर्धन पर प्रस्तुतीकरण दिया।