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फिलहाल जेएसएल स्टेनलेस स्टील स्क्रैप और एनपीआई/फेरो निकल के ज़रिये अपनी निकल की ज़रुरत के बड़े हिस्से को पूरा करती है और इस सहयोग से जेएसएल के लिए एनपीआई की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
नयी दिल्ली- निकल की दीर्घकालिक
उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्टेनलेस स्टील विनिर्माता जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड
(जेएसएल) ने न्यू याकिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ इंडोनेशिया के हालमाहेरा द्वीप
समूह में एक औद्योगिक पार्क में स्थित निकल पिग आयरन (एनपीआई) स्मेल्टर संयंत्र के
विकास, निर्माण और संचालन में
निवेश के लिए सहयोग समझौता किया है। इस सहयोग समझौते के अनुसार, जेएसएल लगभग 15.7 करोड़ डालर में इंडोनेशियाई
कंपनी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का
अधिग्रहण करेगी। इस रणनीतिक सहयोग से बैकवर्ड इंटीग्रेशन का लाभ मिलेगा क्योंकि जेएसएल की निकल
पिग आयरन (एनपीआई) के कारोबार में हिस्सेदारी होगी। इस संयंत्र को दो साल के भीतर
चालू करने की योजना है, जिसकी कुल उत्पादन क्षमता
(नेमप्लेट कैपेसिटी) 200,000 टन एनपीआई तक की होगी और
इसमें निकल का स्तर औसतन 14 प्रतिशत होगा। यह वैश्विक
स्तर पर निकल भंडार में हिस्सेदारी हासिल करने के लिए किसी भारतीय कंपनी द्वारा की
गई पहली रणनीतिक साझेदारी है। गौरतलब है कि भारत में निकल अयस्क की कमी है।
जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने इसके बारे में कहा, “यह उल्लेखनीय सहयोग जेएसएल
के स्टेनलेस स्टील परिचालन के लिए कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए
निकल आपूर्ति में हिस्सेदारी हासिल करने के साथ-साथ सम्बद्ध पक्षों के लिए मूल्य
वृद्धि करेगा। इस अधिग्रहण से जेएसएल को भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में
अतिरिक्त प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा।” दुनिया भर में स्टेनलेस स्टील के कारोबार में निकल की कीमत के रुझान की
महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके अलावा, भू-राजनीतिक मुद्दे, लॉजिस्टिक्स संबंधी बाधाएं, महामारी से जुड़ी दिक्कतें आदि अक्सर निकल की मांग और
आपूर्ति की गतिशीलता को प्रभावित करती हैं, जिससे इसके स्टेनलेस स्टील जैसे उपयोगकर्ता उद्योगों के लिए
लागत और अनिश्चितता बढ़ जाती है। फिलहाल जेएसएल स्टेनलेस स्टील स्क्रैप और
एनपीआई/फेरो निकल के ज़रिये अपनी निकल की ज़रुरत के बड़े हिस्से को पूरा करती है और
इस सहयोग से जेएसएल के लिए एनपीआई की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
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