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कच्चे तेल की कीमत, डॉलर सूचकांक एवं एफआईआई के निवेश प्रवाह पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।
मुंबई - हिंडनबर्ग
रिपोर्ट के बाद से मुश्किलों का सामना कर रहे अडानी समूह में करीब दो अरब डॉलर के
निवेश आने की खबर से बीते सप्ताह आधी फीसदी से अधिक की बढ़त पर रहे घरेलू शेयर की
अगले सप्ताह दिशा निर्धारित करने में वैश्विक रुख के साथ ही विदेशी संस्थागत
निवेशकों (एफआईआई) की महत्वपूर्ण भूमिका हाेगी। बीते सप्ताह
बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 345.04 अंक अर्थात 0.58 प्रतिशत की तेजी लेकर सप्ताहांत पर 59808.97 अंक और नेशनल
स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 128.55 अंक यानी 0.74 प्रतिशत मजबूत होकर 17594.35 अंक पर पहुंच
गया। समीक्षाधीन
सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह छोटी और मझौली कंपनियों के प्रति भी
निवेशकों की निवेश धारणा मजबूत रही। इससे मिडकैप 417.16 अंक की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 24595.89 अंक और स्मॉलकैप
261.81
अंक उछल कर 27846.40 अंक पर रहा।
बाजार
विश्लेषकों के अनुसार, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के बाद से अडानी समूह के शेयरों में भारी
गिरावट आई, जिसका दबाव
घरेलू शेयर बाजार पर लगातार बना रहा। लेकिन, अडानी समूह को जीक्यूजी पार्टनर्स से 1.87 अरब डॉलर निवेश
मिलने की खबर के बाद सप्ताहांत पर बाजार ने करवट बदली और दोनों मानक सूचकांक
सेंसेक्स एवं निफ्टी ने डेढ़ प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई।
इसके अलावा
अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दरों में अगली बढ़ोतरी की रफ्तार को धीमा रखने की
उम्मीद से भी बाजार को समर्थन मिला है। हालांकि आसमान छू रही महंगाई पर लगाम लगाने
के लिए फेड रिजर्व और यूरोपीय केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रखने का
संकेत दे चुके हैं। अगले सप्ताह घरेलू शेयर बाजार पर इसका असर रहेगा।
साथ ही वैश्विक
स्तर पर कच्चे तेल की कीमत, डॉलर सूचकांक एवं एफआईआई के निवेश प्रवाह पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। एफआईआई
ने पिछले लगातार तीन महीने दिसंबर, जनवरी और फरवरी में बाजार से निवेश निकाल लिए।
लेकिन, मार्च में अबतक
वह 12,592.17
करोड़ रुपये के
शुद्ध लिवाल रहे हैं।
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