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दोहा- टोक्यो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज
चोपड़ा ने गुरुवार को कहा कि अगर उन्हें जैवलिन की तरह गेंद फेंकने की अनुमति मिले
तो वह क्रिकेट खेलना शुरू कर सकते हैं।
नीरज ने यहां दोहा डायमंड लीग से पहले आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा,
“क्रिकेट भारत में एक लोकप्रिय खेल है। हमारे पास अच्छे तेज गेंदबाज हैं जो
तेजी के साथ गेंद फेंक सकतेे हैं। जैवलिन की तरह ही गेंद फेंकने के लिये मज़बूत
बाज़ू की ज़रूरत होती है, इसलिये मुझे
लगता है कि मेरा कौशल कुछ हद तक स्वाभाविक भी है।”
जब नीरज से पूछा गया कि क्या वह भाला-फेंक से संन्यास लेने के बाद आईपीएल का
रुख करेंगे, तो उन्होंने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा,
“क्रिकेट एक मुश्किल खेल है। जैवलिन थ्रो में एक नियम है कि आपको कंधे से ज़ोर
लगाकर भाला फेंकना होता है। अगर वे मुझे जैवलिन की तरह गेंद फेंकने देंगे तो मैं
क्रिकेट शुरू कर दूंगा।”
इस सीज़न में अपने पहले आयोजन में नीरज का सामना मौजूदा विश्व चैंपियन एंडरसन
पीटर्स और टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता जैकब वडलेच जैसे मुश्किल
प्रतिद्वंदियों से होगा।
नीरज ने कहा, “बड़े प्रतियोगियों से मुकाबला करना
हमेशा अच्छा होता है। यह इस सीजन मेरी पहली प्रतियोगिता है। जैकब वडलेच ने पहले ही
पोचेफ्स्ट्रूम में 88.38 मीटर का थ्रो फेंका था। कल भाला फेंक
में जबरदस्त मुकाबला होगा और सबसे खास बात दोहा 90 मीटर थ्रो के
लिये मशहूर है। उम्मीद है कि कल शानदार परिणाम देखने को मिलेंगे।”
नीरज ने बताया कि टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण
जीतने के बाद उनका जीवन पूरी तरह बदल गया है और भारतवासी एथलेटिक्स का ज्यादा करीब
से अनुसरण करने लगे हैं। उन्होंने कहा, “भारत में लोगों
ने एथलेटिक्स को अधिक बारीकी से देखना शुरू कर दिया है। यह भारत के लिए एथलेटिक्स
में पहला ओलंपिक स्वर्ण था और चाहे वह ओलंपिक हो या पैरालिंपिक, टोक्यो वास्तव
में भारतीय खेल के लिए अच्छा था। मुझे लगता है कि टोक्यो ओलंपिक के बाद हमने भारत
में बदलाव देखा है। भाला फेंक और अन्य खेलों में बहुत अधिक जूनियर एथलीट सामने आ
रहे हैं। उम्मीद है कि हम आने वाले वर्षों में ओलंपिक और अन्य बड़े आयोजनों में और
पदक जीतेंगे।”
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