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नयी दिल्ली- मौजूदा अंडर20 विश्व कुश्ती चैंपियन अंतिम पंघाल ने एशियाई खेलों के चयन ट्रायल में विनेश फोगाट को छूट मिलने पर सवाल उठाते हुए बुधवार को कहा कि यह अन्य पहलवानों के हित में ठीक नहीं है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की तदर्थ समिति ने मंगलवार को विनेश (53 किग्रा) और बजरंग पूनिया (65 किग्रा) को 2022 एशियाई खेलों के लिये चयन ट्रायल से छूट दे दी, जबकि अन्य पहलवानों को 22 और 23 जुलाई को चयन ट्रायल के माध्यम से भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करनी होगी।
सीनियर एशियाई चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता अंतिम भी विनेश की तरह 53 किग्रा भार वर्ग में लड़ती हैं और उनका कहना है कि उनके साथ पहले भी ऐसा 'धोखा' हो चुका है।
अंतिम ने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में कहा, “यहां तक कि राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल में भी मेरी और उनकी बाउट 3-3 पर खत्म हुई थी। उस समय भी मेरे साथ धोखा हुआ, मैंने कहा, 'कोई नहीं, मैं (हांग्झोउ) एशियाई खेलों में जाकर ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने की कोशिश करूंगी,' लेकिन अब वे कह रहे हैं कि वे विनेश को भेजेंगे। यह ठीक नहीं है।”
अंतिम ने विनेश के पिछले साल के प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए कहा, “पिछले साल मैंने जूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता और ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनी। एशियाई चैंपियनशिप 2023 में मैंने रजत पदक जीता। दूसरी ओर, विनेश के पास दिखाने के लिये कोई उपलब्धि नहीं है और पिछले वर्ष उसने उतना अच्छा अभ्यास भी नहीं किया है, उसे चोट भी लगी थी।”
वर्तमान में बुडापेस्ट में प्रशिक्षण ले रही विनेश को पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में पदक विजेता होने के नाते एशियाई खेलों में सीधा प्रवेश मिला है।
उन्होंने कहा, “वे यह भी कह रहे हैं कि जो एशियाई खेलों के लिये जाएगा वही विश्व चैंपियनशिप के लिये भी जायेगा और जो विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतेगा वह ओलंपिक (पेरिस 2024 में) जायेगा। हम भी वर्षों से कड़ी ट्रेनिंग कर रहे हैं। हम क्या करें, क्या मैं कुश्ती छोड़ दूं?”
अंतिम ने ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक को एशियाई खेलों में सीधा प्रवेश न मिलने पर भी ऐतराज़ जताया। उन्होंने कहा, “साक्षी मलिक ने भी ओलंपिक पदक जीता है। उन्हें भी एशियाई खेलों के लिये नहीं भेजा जा रहा है। विनेश में ऐसी क्या खास बात है जो उन्हें भेजा जा रहा है? बस ट्रायल आयोजित करें, मैं यह नहीं कह रही कि मैं विनेश को हरा दूंगी। वहां कई महिला पहलवान हैं जो ऐसा कर सकती हैं।”
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