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रूस-यूक्रेन सीमा पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस तनाव ने पूरी दुनिया को गहरी चिंता में डाल दिया है। इन सबके बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के दो क्षेत्र ‘‘दोनेत्स्क और लुहांस्क गणराज्य’’ को स्वतंत्रता की मान्यता देने की मंजूरी दे दी है जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। साथ ही साथ इस बात की भी आशंका बढ़ गई है कि मास्को यूक्रेन पर कभी भी आक्रमण कर सकता है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर रूस-यूक्रेन विवाद में भारत का स्टैंड क्या है? भारत के लिए यह तनाव किसी धर्म संकट से कम नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि भारत का रूस, यूक्रेन और अमेरिका तीनों के साथ अच्छे रिश्ते हैं। इन सब के बीच आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन-रूस तनाव पर चर्चा हुई। भारत ने भी अपना पक्ष मजबूती से रखा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कहा कि हम यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर हो रही गतिविधियों और रूसी संघ द्वारा इस संबंध में की गई घोषणा सहित पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि रूसी संघ के साथ लगी यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गंभीर चिंता का विषय है। इन चीज़ों से क्षेत्र की शांति एवं सुरक्षा प्रभावित हो सकती है। भारत ने इसके साथ ही सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान भी किया। टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि हम (भारत) सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं। हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है। भारत ने कहा कि सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को कम करना और इस क्षेत्र तथा उसके बाहर दीर्घकालिक शांति एवं स्थिरता स्थापित करना पहली प्राथमिकता है।
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