समाचार ब्यूरो
26/08/2023  :  16:53 HH:MM
आधुनिक चिकित्सा के साथ पारंपरिक चिकित्सा में निवेश, नवाचार और एकीकरण करें: सोनोवाल
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नयी दिल्ली - केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल शनिवार को कहा कि जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य सेवा समाधानों की एक समग्र श्रृंखला विकसित करने के लिए आधुनिक चिकित्सा के साथ पारंपरिक चिकित्सा में निवेश, नवाचार और एकीकरण करें।


श्री सोनोवाल ने आज यहां उत्तर-पूर्वी क्षेत्र राज्यों की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। बैठक में सभी प्रतिभागी राज्यों- असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा ने आयुष की स्थिति और कार्यान्वयन के तहत प्रमुख आयुष कार्यक्रमों की प्रगति पर विस्तृत जानकारी दीं। ।

इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आज हमने देश में आयुष चिकित्सा प्रणाली के प्रचार और प्रसार पर बहुत सार्थक चर्चा की। दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ, हमारे सुंदर हिमालयी क्षेत्र में चिकित्सा की पारंपरिक प्रणाली का महत्व और लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के सदियों पुराने और सिद्ध लाभों को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। प्रधानमंत्री ने न केवल भारत में पारंपरिक चिकित्सा के उपयोग को प्रोत्साहित किया है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा समाधानों की एक समग्र श्रृंखला विकसित करने के लिए आधुनिक चिकित्सा के साथ पारंपरिक चिकित्सा में निवेश, नवाचार और एकीकरण करने के लिए एक वैश्विक अभियान का भी नेतृत्व किया है।

उन्होंने कहा कि मैं उत्तरी-पूर्व भारत के सभी राज्यों से आह्वान करता हूं कि वे श्री मोदी के मार्गदर्शन में सभी 19 एम्स में इसी तरह के विभागों की स्थापना के अनुरूप अपने सभी प्रमुख राज्य अस्पतालों में एकीकृत आयुष विभाग स्थापित करने की संभावनाओं को तलाशें। आज, हमें अपने सभी प्रमुख राज्य अस्पतालों में एकीकृत चिकित्सा विभागों की स्थापना के लिए एक अभियान शुरू करने का यह अनूठा अवसर प्रदान किया है, जिससे पूरे देश द्वारा अनुकरण की जाने वाली एकीकृत चिकित्सा की अवधारणा को लोकप्रिय और कार्यान्वित किया जा सकें। हम पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को और बढ़ावा देकर मोदी जी के दृष्टिकोण को साकार कर सकते हैं और आयुष के नेतृत्व वाले आर्थिक विकास का केंद्र बन सकते हैं, खासकर हमारे देश के हिमालयी क्षेत्र में रोजगार और व्यापार को बढ़ावा दे सकते हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय आयुष और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. महेन्द्र भाई मुंजापारा, आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और मंत्रालय, राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।






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