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नयी दिल्ली - भारत में
अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने शनिवार को कहा कि चीन के बाधक होने के बावजूद
जी 20 शिखर सम्मेलन के बाद मेजबान देश के नेतृत्व महत्व को देखते
हुए उसे संयुक्त राष्ट्र की स्थायी सीट हासिल करने में मदद मिल सकती हैं। श्री गार्सेटी
ने आज यहां यूनीवार्ता को बताया कि अमेरिका भारत की इच्छा का संयुक्त राष्ट्र
सुरक्षा परिषद के विस्तार का पुरजोर समर्थन करता है।
उन्होंने
कहा, “संयुक्त राष्ट्र के नियम के तहत और हम अधिक से अधिक वोट
पाने के प्रयास में भारत का बहुत समर्थन करते हैं, लेकिन मुख्य
रूप से, दुर्भाग्य से, यह किसी अन्य
देश (चीन) की आपत्ति है, न कि अमेरिका की।”
उन्होंने
कहा, “ मुझे लगता है कि जी20 के बाद अधिक
देश देखेंगे कि भारत का नेतृत्व कितना महत्वपूर्ण है और मुझे उम्मीद है कि इससे
भारत के अधिक से अधिक समर्थकों को लाने के अभियान में मदद मिलेगी और जल्द ही एक
दिन हम अंततः फलित होते हुए देखने में सक्षम होंगे।”
उल्लेखनीय
है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के पांच स्थायी सदस्यों में से
चीन एकमात्र देश है जो संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च संस्था में भारत के प्रवेश का
विरोध कर रहा है।
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