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नयी दिल्ली -दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मणिपुर के मामले में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि कम से कम उन्हें
शांति की ही अपील करनी चाहिये थी।
श्री केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मणिपुर पर चर्चा
में हिस्सा लेते हुए कहा कि मणिपुर में चार हजार घर जलाए गए,
60 हजार लोग बेघर हुए, डेढ़ सौ से
ज्यादा लोगों की मौत हुई, तीन सौ से अधिक
धार्मिक स्थल जलाए गए, असम राइफल और
मणिपुर पुलिस के बीच गोलाबारी हुई लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे।
उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक कह रहे हैं कि मणिपुर उनके लिए मायने नहीं रखता
है और विधानसभा छोड़कर चले गए। उन्होंने कहा कि जब एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें
महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ तब भी प्रधानमंत्री चुप रहे। वहीं मणिपुर के
मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वहां यह रोज हो रहा है। श्री केजरीवाल ने कहा कि
प्रधानमंत्री बेटियों के पिता के समान हैं। अगर बाप मुंह मोड़ ले, तो बेटियां कहां
जाएंगी।
श्री केजरीवाल ने कहा महिला पहलवानों में मामले के भी प्रधानमंत्री चुप होकर
बैठ गए थे। पिछले 9 साल से चीन हमे आंख दिखा रहा है और
प्रधानमंत्री चुप हैं, एक शब्द नहीं
बोलते हैं। गलवान घाटी में चीन ने हमारे 20 जवान को शहीद कर
दिया। दिल्ली से डेढ़ गुना इलाका चीन की सेना ने कब्जा कर लिया और प्रधानमंत्री
चुप रहे।
उन्होंने कहा कि हिंदनबर्ग रिपोर्ट ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी। लाखों
इन्वेस्टर्स का पैसा डूब गया। कम से कम एक ट्वीट करके यह कह देते कि जांच कराऊंगा
और दोषियों को नहीं छोडूंगा, लेकिन
प्रधानमंत्री चुप रहे। इन्होंने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और
विजय माल्या को भगा दिया।
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