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नयी दिल्ली- दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने
बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर केंद्र सरकार
पर परोक्ष रूप से निशाना साधा। श्री भारद्वाज
ने आरोप लगाया कि दिल्ली वित्त विभाग की फाइलों में आपत्तियां लगाकर दिल्ली जल
बोर्ड के कार्यों में बाधा डाली जा
रही है, क्योंकि अधिकारी केंद्र सरकार के
नियंत्रण में हैं। दिल्ली विधानसभा
में श्री भारद्वाज ने सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र पर परोक्ष रूप से हमला
किया। बिना नाम लिए हुए उन्होंने
कहा कि अधिकारियों पर किसका नियंत्रण है, और उन्हें
फाइलों में आपत्तियां लगाने का कौन निर्देश देता है, वे सेवाओं पर
क्यों नियंत्रण चाहते हैं। गौरतलब है कि
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम 2023
के प्रभावी होने के बाद से यह
दिल्ली विधासभा का पहला विधानसभा सत्र है। उन्होंने कहा कि
दिल्ली सरकार के पास पर्याप्त धन है लेकिन फाइल में आपत्तियां लगाकर डीजेबी के बजट
को रोका जा रहा है। इसके कारण पानी की पाइपलाइन
और सीवर लाइनों जैसी कई जनहित परियोजनाएं पिछले एक वर्ष से रुकी हुई हैं। दिल्लीवासियों को परेशान करने वाले दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित मुद्दों को
दोनों पक्षों के विधायकों ने उठाया और गड़बड़ियां दूर करने की मांग की। सत्तारूढ़
विधायकों ने डीजेबी की फाइलों को मंजूरी नहीं देने के लिए वित्त विभाग को जिम्मेदार ठहराया, वहीं विपक्षी
भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध नहीं करा रही है। आप पार्टी के
विधायक दिनेश मोहनिया ने आरोप लगाया कि पिछले आठ महीनों से जब भी हम विकास
परियोजनाओं की फाइलें दिल्ली के वित्त विभाग को
भेजते हैं तो वह फाइलों में सवाल और आपत्तियां डाल देती हैं जिसके कारण विकास
कार्यों में देरी होती है। भाजपा विधायक
अजय महावर ने कहा कि दिल्ली सरकार काम नहीं करती है, केवल बहाना
बनानी है। उन्होंने कहा कि आप ने चुनाव के दौरान दूषित पानी की समस्या का समाधान
करने का वादा किया था लेकिन इस पर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया
है।
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