नयी दिल्ली- सरकार ने
बुधवार को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) तथा आस्ट्रेलियाई
सीमा बल के बीच पारस्परिक मान्यता व्यवस्था (एमआरए) पर हस्ताक्षर और समर्थन को
मंजूरी दे दी ।
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के
प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इस व्यवस्था का उद्देश्य आयातक देश के सीमा शुल्क
अधिकारियों द्वारा माल की निकासी में दोनों हस्ताक्षरकर्ताओं के मान्यता प्राप्त
और विश्वसनीय निर्यातकों को पारस्परिक लाभ प्रदान करना है।
वैश्विक स्तर
पर व्यापार को उच्च सुविधा प्रदान करते हुए आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा को
मजबूत करने के लिए वैश्विक व्यापार को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए अधिकृत
आर्थिक ऑपरेटरों की पारस्परिक मान्यता विश्व सीमा शुल्क संगठन के मानकों के
सुरक्षित ढांचे का एक प्रमुख कारक है। इस व्यवस्था से ऑस्ट्रेलिया में भारतीय
निर्यातकों को लाभ होगा और इससे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को बढ़ावा
मिलेगा।
ऑस्ट्रेलियाई
विश्वसनीय व्यापारी कार्यक्रम और भारत में अधिकृत आर्थिक संचालक कार्यक्रम की
पारस्परिक मान्यता दोनों देशों के अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर करने की
तारीख से लागू होगी। प्रस्तावित पारस्परिक मान्यता व्यवस्था को दोनों देशों के
सीमा शुल्क प्रशासन की सहमति से अंतिम रूप दिया गया है।