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श्रीनगर - दशकों बाद पहली बार कश्मीर निर्मित
विलो विकर वस्तुएं नए रूप और आधुनिक डिजाइन अपनाने के बाद दुनिया भर में
लोकप्रियता हासिल कर रही हैं। मध्य कश्मीर के
गांदरबल जिले के पीरपोरा में 2020 से ‘शक्साज़ विलो
विकर क्राफ्ट प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड’ चला रहे 58 वर्षीय बशीर
अहमद डारने दावा किया कि विकर विलो वर्तमान में कारीगरों के लिए अच्छा राजस्व दे
रहा है।
उन्होंने कहा,“हां, यहां मई 2023 में
आयोजित तृतीय जी20 पर्यटन कार्यकारी समूह की बैठक के बाद राजस्व में वृद्धि
हुई है। इस बैठक में दौरान प्रदर्शनी लगाने वालों में डार एक थे, जिनके नये
डिजाइन वस्तुओं की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने सराहा था। उन लोगों
ने कुछ नग भी खरीदे थे और उम्मीद है कि आने वाले समय में हमें बड़ा ऑर्डर मिलेगा।”
उन्होंने कहा
कि जी 20 बैठक ने विकर विलो को उछाल दिया और इसने वैश्विक स्तर पर
ख्याती हासिल की।
उन्होंने कहा
कि अभी तक विदेशी ऑर्डर नहीं मिले हैं, लेकिन दिल्ली, मुंबई, कोलकाता तथा
अन्य राज्यों के ग्राहक ऑनलाइन ऑर्डर भेज रहे हैं और कुछ गंदेरबल स्थित हमारे इकाई
में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कारीगर विकर की वस्तुओं को बनाने में बहुत व्यस्त
हैं, जिसके कारण बामुश्किल ही उन्हें आरोप मिल पाता है।
उन्होंने कहा, “हमलोग फल की
टोकरी, ब्रेड टोकरी, पिकनिक टोकरी, लैम्प शेड्स, डॉक टोकरी, बिल्ली की
टोकरी, फूल की टोकरी बना रहे हैं। इसके अलावा हमारे पास देश के
विभिन्न हिस्सों में निर्यात करने के लिए विकर विलो की सैकड़ों डिजाइन हैं।”
उन्होंने कहा, “हमारे बच्चे
अत्यधिक प्रशिक्षित हैं और इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए विकर विलो शिल्प की
वस्तुएं भी बना रहे हैं। हमने 10 युवाओं को प्रशिक्षित किया है जो
विकर विलो शिल्प में निपुण हो गए हैं और वे 150 से अधिक नए
डिजाइनों पर काम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि लगभग 10,000 परिवार
इस शिल्प कार्य पर निर्भर हैं।
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