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नयी दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में अविश्वास
प्रस्ताव पराजित करने के बाद आज फिर विपक्ष पर प्रहार किया और कहा कि विपक्ष
अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से डर गया था और चर्चा के बीच ही सदन छोड़ कर भाग गया।
श्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पश्चिम बंगाल में क्षेत्रीय
पंचायती राज परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक
गठबंधन (राजग) सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव
लोकसभा में गिर गया। स्थिति ऐसी हो गई कि विपक्ष के लोग चर्चा के बीच में ही सदन
छोड़कर भाग गए। सच्चाई तो यह है कि वे अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से डर रहे थे।
श्री मोदी ने कहा कि देश ने अविश्वास प्रस्ताव पर बहस से विपक्ष के भटकते हुए
देखा। उन्होंने कहा, “यह निराशाजनक है कि इन व्यक्तियों ने
मणिपुर के लोगों को बहुत निराश किया। शुरू से ही, सरकार ने मणिपुर
पर एक समर्पित और केंद्रित चर्चा की मांग की। अफसोस की बात है कि उनके उद्देश्य
अलग थे।”
उन्होंने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को घेरा और
राज्य में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के चल रहे संघर्ष पर प्रकाश डाला। उन्होंने
तृणमूल कांग्रेस पर खूनी खेल खेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि हाल के पंचायत
चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों को फॉर्म भरने से रोकना, उनकी भागीदारी
को रोकना और जब भाजपा उम्मीदवार जीतने में कामयाब हो जाएं तो हिंसक हमलों का सहारा
लेन, यह पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के
हिंसा की राजनीति का उदाहरण है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आजादी के बाद पूर्वी भारत की उपेक्षा
ने देश की प्रगति को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने इस विकासात्मक अंतर
को पाटने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 5 वर्षों में
गरीबी से बाहर निकले 13.5 करोड़ लोगों में
से एक महत्वपूर्ण हिस्सा पूर्वी भारत से है। उन्होंने कहा,
“हमारे देश में पिछले 50 साल से नारा
दिया जाता था- गरीबी हटाओ। लेकिन ये नारा देने वाले गरीबी नहीं हटा सके। स्वाभाविक
प्रश्न यह है कि जो काम पांच दशकों में नहीं हो सका, वह भाजपा सरकार
ने इतने कम समय में कैसे कर दिखाया?”
श्री मोदी ने अपने नौ साल के कार्यकाल में पूर्वी भारत में हुई प्रगति की
चर्चा करते हुए कहा, “देश भर के लगभग 18
हजार गांव, जो पहले बिजली से वंचित थे, अब सरकार द्वारा
रोशन किए गए हैं। इनमें से लगभग 13 हजार गांव केवल
पूर्वी भारत के थे।” उन्होंने कहा कि 15
अगस्त 2019 को, हमने जल जीवन
मिशन प्रारंभ किया। इसकी शुरुआत के दौरान, देश में 20
प्रतिशत से भी कम ग्रामीण परिवारों को नल से पानी मिलता था। आज,
60 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल से पानी मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि “आपमें से कई
लोगों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि मिजोरम जैसे राज्य में 4 साल पहले तक
केवल 6 प्रतिशत घरों में पाइप से पानी की
सुविधा थी। आज यह संख्या 90 फीसदी से भी
ज्यादा है। बिहार में पिछले 9 साल में
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 50 लाख से ज्यादा
घर बनाए गए हैं। पश्चिम बंगाल में लगभग 45 लाख गरीब
परिवारों को पक्के घर मिले हैं। असम में भी गरीबों के लिए 20
लाख घर बनाए गए हैं।”
श्री मोदी ने कहा, “बेहतर स्वास्थ्य
सुविधाओं के लिए, असम के गुवाहाटी से लेकर पश्चिम बंगाल
के कल्याणी तक, झारखंड के देवघर से लेकर बिहार के
दरभंगा तक, लोगों को परेशानी न हो, इसी योजना के साथ
नए एम्स खोले गए हैं।” उन्होंने कहा कि
इलाज के लिए सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। पिछले 9 वर्षों में, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और
ओडिशा को सामूहिक रूप से 31 नए मेडिकल कॉलेज
मिले हैं, जबकि उत्तर पूर्व में मेडिकल कॉलेजों की
संख्या दोगुनी हो गई है।
प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर रेलवे लाइनों को ब्रॉड गेज में बदलने, प्रमुख
बंदरगाहों में महत्वपूर्ण क्षमता वृद्धि, नए जलमार्गों की
स्थापना और क्षेत्र में हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 9 हवाई अड्डों के
विकास का भी उल्लेख किया और कहा कि इन पहलों के कारण देश के विशाल पूर्वी हिस्से
में बड़ा परिवर्तन आएगा।
श्री मोदी ने दोहराया, “वर्तमान समय में, स्थानीय मांग
वैश्विक महत्व रखती है। इसीलिए, वोकल फॉर लोकल
जैसे अभियान के साथ, देश ने ‘एक जिला एक
उत्पाद’ योजना शुरू की। पंचायतें आपके जिले की
शुरुआत को सुविधाजनक बनाकर महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। बाजार के लिए अद्वितीय
विशिष्टताएं, जिससे उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि
होती है। आपके प्रयासों का लक्ष्य छोटे पैमाने के श्रमिकों और उद्योगों को बाजार
से जोड़ना होना चाहिए, जिससे जीईएम
पोर्टल के माध्यम से उनके कनेक्शन की सुविधा मिल सके। जीआई टैग स्थानीय उत्पादों
की सफलता को बढ़ाने में भी पर्याप्त मूल्य रखता है।”
उन्हाेंने निष्क्रिय तालाबों और झीलों के पुनरोद्धार पर जोर दिया और अमृत
सरोवर पहल में सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया और कहा कि इस पहल से आपका जिला
अग्रणी बने। उन्होंने इन प्रयासों के कुशल और प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता पर
बल देते हुए, वृक्षारोपण के प्रयासों को बढ़ाने की
वकालत की।
श्री मोदी ने कार्यक्रम के दौरान सभी कार्यकर्ताओं से घर-घर पर राष्ट्रीय ध्वज
के प्रदर्शन करने और 'हर घर तिरंगा' अभियान में
सक्रिय रूप से शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने देश के शहीदों को श्रद्धांजलि
स्वरूप चल रही अमृत कलश यात्रा से गांवों को जोड़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
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