समाचार ब्यूरो
04/08/2023  :  19:13 HH:MM
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में आयी तेजी
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रोम- भारत से चावल के गैर-बासमती चावल निर्यात पर प्रतिबंध और काला सागर से सटे देशों से अनाज की आपूर्ति बाधित होने के कारण चालू वर्ष के जुलाई में अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्यान्न की कीमतों में मजबूती आयी है।


संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने गुरुवार को यहां एक रिपोर्ट में कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्यान्न की कीमतों में 1.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। जुलाई 2022 में खाद्यान्न की कीमतों में 11.8 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

रिपोर्ट के अनुसार, चावल मूल्य सूचकांक में इस महीने में 2.8 प्रतिशत तक तेजी आयी है और साल में 19.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो सितंबर 2011 के बाद से सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है। भारत ने 20 जुलाई को गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमतों में तेजी देखी गयी है। इससे आपूर्ति श्रृंखला पर भारी दबाव है। एफएओ ने कहा कि चावल के निर्यात पर प्रतिबंध के कारण गरीब आबादी पर गहरा संकट आने की आशंका है। इसका असर खरीद, उत्पादन और उपभोग पर पड़ सकता है जिसके दूरगामी परिणाम होंगे। कई देशों को घरेलू स्तर पर उच्च मुद्रास्फीति का सामना कर पड़ सकता है। गरीबों लोगों को मुख्य भोजन चावल ही है क्योंकि यह सस्ता है लेकिन चावल की बढ़ती कीमतों पर दुनिया भर में पर्याप्त खाद्य सुरक्षा को लेकर चिंता हो गयी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्राजील और भारत में गन्ने की अच्छी फसल होने की वजह से एफएओ के चीनी मूल्य सूचकांक में 3.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। दुनिया के सबसे बड़े चीनी आयातकों इंडोनेशिया और चीन की मांग में भी कमी आई है। इस वर्ष में भारत में गन्ना उत्पादक क्षेत्राें में मानसून की अच्छी बरसात हुई है जिसके कारण चीनी का उत्पादन बढ़ने के आसार हैं।

एफएओ के वनस्पति तेल मूल्य सूचकांक में तेजी से बढ़ोतरी हुयी है, जिसमें सात महीनों तक लगातार गिरावट के बाद जून से 12.1 प्रतिशत तक वृद्धि हुयी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सूरजमुखी तेल मूल्यों में इस महीने में 15 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी इसलिए हुयी है क्योंकि रूस ने काला सागर से अनाज की आपूर्ति नहीं करने का निर्णय लिया है।

प्रमुख उत्पादक देशों में पाम, सोया और रेपसीड तेलों का उत्पादन नहीं करने की आशंका के चलते, दुनिया भर में इनकी कीमतें बढ़ गई।

एफएओ के अनाज मूल्य सूचकांक में जून की तुलना में 0.5 प्रतिशत की गिरावट हुयी है। अर्जेंटीना और ब्राजील से मक्का की आपूर्ति बुआई बढ़ने के कारण मोटे अनाज की आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ गयी है। अमेरिका में भी मक्का की पैदावार में वृद्धि होने की संभावना है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेंहू की कीमतों में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुयी है क्योंकि अमेरिका में सूखे की स्थिति जारी है और युद्धग्रस्त यूक्रेन से निर्यात की संभावना बहुत कम हैं।

एफएओ के डेयरी मूल्य सूचकांक जुलाई में 0.4 प्रतिशत गिरा है। जुलाई 2022 के मूल्य से 20.6 प्रतिशत कम हुआ था। यूरोप में दूध की आपूर्ति में भारी गिरावट के बाद विश्व चीज - पनीर की कीमतों में थोड़ा सुधार हुआ है।

एफएओ मांस मूल्य सूचकांक में जून से 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके अलावा, पश्चिमी यूरोप और अमेरिका से कम आपूर्ति की वजह से सुअर के मांस की कीमतों में बढ़ोतरी हुयी है।






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