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पेरिस- फ्रांस में जारी उपद्रवों के दौरान
234 इमारतों और
1,350 कारों को
आग लगा दी गयी है वहीं करीब एक हजार लोगों को हिरासत में लिया गया है। फ्रांसीसी समाचार चैनल बीएफएमटीवी ने शनिवार को देश के आंतरिक मंत्रालय के
हवाले अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक स्थानों पर 2,560 बार आग लगाकर भौतिक क्षति पहुंचाई
है। इनमें पुलिस विभाग के 31 कार्यालय , नगरपालिका पुलिस के 16 कार्यालय और जेंडरमेरी के 11 बैरकों को भी नुकसान पहुंचा है।
फ्रांसीसी आंतरिक मंत्रालय के अनुसार इसके अतिरिक्त प्रारंभिक आंकड़ों से पता
चला है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान 79 पुलिस अधिकारी और सुरक्षाकर्मी घायल हुये है। पुलिस ने उपद्रवों में शामिल 994 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इससे पूर्व फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने कल रात टि्वटर पर कहा कि
फिलहाल 270 लोग पहले से ही हिरासत में है जिसमें से 80 से ज्यादा से देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य मार्सैय में हैं। वहां पर्याप्त
संख्या में सुरक्षा बल पहुंच रहे हैं। उन्होंने टीएफ1 टीवी को बताया कि विशेष इकाइयों
सहित 45,000 से अधिक
कानून प्रवर्तन अधिकारी फ्रांस में दंगों के खिलाफ लड़ाई में शामिल हैं। जबकि देश
में उग्र प्रदर्शनों के पहले तीन दिनों में 300 से अधिक पुलिस अधिकारी घायल हुए।
रेडिया नेटवर्क ‘फ्रांस इन्फो’ ने शनिवार को एक सरकारी सूत्र के हवाले से खबर दी कि देश में जारी अशांति के
बीच प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने सभी कैबिनेट मंत्रियों से पेरिस लौटने और वहीं
रहने का आग्रह किया है।
श्री डर्मैनिन ने पेरिस के अधिकारियों से दंगे कम होने तक स्थानीय समयानुसार 21:00 बजे (19:00 जीएमटी) से आतिशबाजी, पेट्रोल कनस्तरों और अन्य रासायनिक
और अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थों की बिक्री और परिवहन पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने को
कहा।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने फ्रांस में पुलिस अधिकारी
द्वारा किशोर की हत्या के बाद फ्रांसीसी सरकार से ''कानून प्रवर्तन में नस्लवाद और
भेदभाव की गहरी समस्याओं को गंभीरता से लेने का कल आग्रह किया।
गौरतलब है कि पेरिस के उपनगर नैनटेरे में मंगलवार को यातायात रोकने के दौरान
पुलिस के आदेशों की पालना न करने पर नाहेल एम. नाम के एक किशोर की गोली मारकर
हत्या कर दी गई थी जिस अधिकारी ने किशोर पर गोली चलाई थी, उस पर स्वैच्छिक हत्या का आरोप
लगाया गया है और वह हिरासत में है। पुलिस की घातक गोलीबारी से पूरे देश में दंगे भड़क
उठे। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ झड़प की और सार्वजनिक भवनों और वाहनों
में आग लगा दी।
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