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वाशिंगटन- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और
अमेरिका के बीच प्रौद्योगिकी सहयोग को प्रगाढ़ करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो
बाइडेन के साथ भारत और अमेरिका की प्रमुख तकनीकी कंपनियों और स्टार्टअप के मुख्य
कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से मुलाकात की, जिसमें
माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, गूगल के सुंदर
पिचाई, महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा और
रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी शामिल थे।
श्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि सामाजिक विकास के लिए तकनीक का उपयोग करना एक
साझा लक्ष्य है जो दोनों देशों को जोड़ता है। उन्होंने कहा,
“आज व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन और मैंने तकनीक और नवाचार से जुड़े
शीर्ष सीईओ से मुलाकात की, ताकि उन तरीकों
का पता लगाया जा सके, जिनसे प्रौद्योगिकी भारत-अमेरिका
संबंधों को बढ़ावा दे सकती है। सामाजिक विकास के लिए तकनीक का उपयोग करना एक
सामान्य लक्ष्य है जो हमें जोड़ता है, हमारे लोगों के
लिए एक उज्जवल भविष्य का वादा करता है।
उन्होंने कहा, “एआई भविष्य है, चाहे वह
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो या अमेरिका-भारत! जब हम सहयोग से काम करते हैं, तो हमारे
राष्ट्र एक साथ मजबूत होते हैं, हमारा ग्रह बेहतर
होता है।' वहीं, विदेश मंत्रालय
के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा कि सीईओ ने दोनों देशों के बीच
अत्याधुनिक तकनीक और अनुसंधान एवं विकास में संस्थागत सहयोग को गहरा करने के विशाल
अवसरों और तरीकों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने सामाजिक-आर्थिक विकास
के लिए भारत-अमेरिका के बीच तकनीकी सहयोग के दोहन की अपार क्षमता को रेखांकित
किया।”
एक बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में
भारत-अमेरिका हाई-टेक हैंडशेक कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन
अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने किया और इसमें तकनीकी कंपनियों और
स्टार्टअप्स के भारतीय और अमेरिकी सीईओ शामिल हुए। इस बैठक का विषय 'सभी के लिए एआई' और 'मानव जाति के
लिए विनिर्माण' पर था।
यह कार्यक्रम दोनों नेताओं के लिए भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते प्रौद्योगिकी
सहयोग की समीक्षा करने का एक अवसर था। चर्चा अपने नागरिकों और दुनिया की जरूरतों
को पूरा करने के लिए एआई सक्षम समावेशी अर्थव्यवस्था को अपनाने में भारत-अमेरिका
प्रौद्योगिकी साझेदारी की भूमिका और क्षमता पर केंद्रित थी।
इस दौरान सीईओ ने वैश्विक सहयोग बनाने के लिए दो तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्रों, भारत के
प्रतिभाशाली कार्यबल और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में भारत द्वारा की गई
प्रगति के बीच मौजूदा संबंधों का लाभ उठाने के तरीकों की तलाश की। उन्होंने
रणनीतिक सहयोग शुरू करने, मानकों पर सहयोग
करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए संबंधित उद्योगों के बीच नियमित सम्पर्क का
आह्वान किया।
श्री मोदी ने सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भारत-अमेरिका की तकनीकी सहयोग का
उपयोग करने की अपार क्षमता को रेखांकित किया। उन्होंने नवाचार की संस्कृति को
बढ़ावा देने में भारत के प्रतिभाशाली युवाओं के योगदान की भी सराहना की। वहीं, श्री बाइडेन ने
सीईओ से जैव प्रौद्योगिकी और क्वांटम सहित नए क्षेत्रों में भारत-अमेरिका की
तकनीकी साझेदारी का विस्तार करने में मदद करने का आह्वान किया।
इस बैठक में जिन कंपनियों के सीईओ ने भाग लिया, उनमें अमेरिका
से फ्लेक्स की रेवती अद्वैथी, ओपनएआई के सैम
ऑल्टमैन, एफएमसी कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एवं सीईओ
मार्क डगलस, एएमडी की लिसा सु, प्लैनेट लैब्स
की विल मार्शल, माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, गूगल के सुंदर
पिचाई, जनरल कैटलिस्ट के हेमंत तनेजा, टुल्को एलएलसी
के संस्थापक थॉमस टुल्ल और नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स शामिल थीं। वहीं
भारत की ओर से महिंद्रा समूह के आनंद महिंद्रा,रिलायंस
इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी, ज़ेरोधा और ट्रू
बीकन के निखिल कामथ, थर्ड टेक की वृंदा कपूर शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा समय में भारत में चल रहे गहन
परिवर्तन और विभिन्न क्षेत्रों में हो रही प्रगति पर प्रकाश डाला और जोर देकर कहा
कि भारत में निवेश करने का यही सही क्षण है। उन्होंने पेशेवरों को भारत के साथ
साझेदारी बनाने के लिए आमंत्रित किया।
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