|
लंदन- अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (89) और
हरफनमौला शार्दुल ठाकुर (51) के
जुझारू अर्द्धशतकों के बाद गेंदबाजों के शानदार प्रयास की बदौलत भारत ने
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में शुक्रवार को
कुछ हद तक वापसी की।
भारत ने 152 रन पर
छह विकेट गंवाने के बाद रहाणे और शार्दुल के संघर्ष की बदौलत पहली पारी में 296 रन
बनाये। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया के चार विकेट 123 रन पर
गिर गये, हालांकि उसकी बढ़त 295 रन तक
पहुंच चुकी है। तीसरे दिन भारत के नायक रहाणे और शार्दुल रहे जिन्होंने सातवें
विकेट के लिये 109 रन की शतकीय साझेदारी की।
भारत के लिये दिन की शुरुआत निराशाजनक रही और स्कॉट बोलैंड
ने दूसरी ही गेंद पर श्रीकर भरत (पांच) को बोल्ड कर दिया। छह विकेट मात्र 152 रन पर
गिरने के बाद शार्दुल और रहाणे ने भारतीय पारी को संबल दिया जबकि उन्हें किस्मत का
भी साथ मिला।
शार्दुल को शून्य रन पर एक जीवनदान तब मिला जब बोलैंड की
गेंद पर उस्मान ख्वाजा उनका कैच नहीं लपक सके। उन्होंने इसका फायदा उठाते हुए
बोलैंड के दूसरे ओवर में दो चौके लगाये। शार्दुल को दूसरा जीवनदान तब मिला जब पैट
कमिंस की गेंद पर कैमरन ग्रीन ने स्लिप में उनका कैच गिरा दिया।
इसी बीच, दूसरे
छोर पर खड़े रहाणे ने कमिंस को छक्का लगाकर 92 गेंद
में अपना अर्द्धशतक पूरा किया। उन्होंने कुछ देर बाद कैमरन ग्रीन की गेंद पर दो रन
लेकर टेस्ट क्रिकेट में 5000 रन भी
पूरे किये। रहाणे जब 71 रन के स्कोर पर खेल रहे थे
तब डेविड वॉर्नर ने स्लिप में उनका कैच गिराकर उन्हें मैच का दूसरा जीवनदान दिया।
रहाणे और शार्दुल ने ऑस्ट्रेलिया की इन गलतियों को भुनाते
हुए 59वें ओवर में 100 रन की
साझेदारी पूरी की और भारत को 250 रन के
पार भी पहुंचाया। शार्दुल इसके फौरन बाद पवेलियन लौट सकते थे लेकिन कमिंस ने
उन्हें जिस गेंद पर पगबाधा किया वह नो बॉल निकली।
भारत ने लंच से पहले छह विकेट के नुकसान पर 260 रन बना
लिये। सत्र के अंत तक भारत अच्छी स्थिति में लग रहा था, लेकिन
रहाणे और शार्दुल के बाद उसके पास कोई बल्लेबाज नहीं बचे थे। लंच के बाद दूसरे ओवर
में ही ग्रीन ने दर्शनीय कैच पकड़कर रहाणे को 89 रन के
स्कोर पर पवेलियन भेज दिया। करीब 18 महीने
बाद टीम में वापसी कर रहे रहाणे ने 129 गेंद की
पारी में 11 चौके और एक छक्का लगाया, हालांकि
उनके विकेट के साथ भारत का संघर्ष भी समाप्त हो गया।
रहाणे के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने अंतिम तीन विकेट
लेने में ज्यादा समय व्यर्थ नहीं किया। शार्दुल ने कमिंस को चौका लगाकर 108 गेंदों
में अर्द्धशतक पूरा किया, लेकिन 51 रन के
स्कोर पर ग्रीन ने उनकी पारी समाप्त की। इसी बीच, कमिंस
ने उमेश यादव को जबकि मिचेल स्टार्क ने मोहम्मद शमी को आउट करके भारतीय पारी का
अंत किया।
कमिंस ने ऑस्ट्रेलिया के लिये सर्वाधिक तीन विकेट लिये, जबकि
स्टार्क, बोलैंड और ग्रीन को दो-दो
विकेट हासिल हुए। नेथन लायन ने मात्र चार ओवर डालकर एक सफलता हासिल की।
रहाणे-शार्दुल के संघर्ष से भारत को आत्मविश्वास मिला, जो उसकी
गेंदबाजी में भी देखने को मिला। मोहम्मद सिराज ने चौथे ओवर में वॉर्नर (एक रन) को
विकेटकीपर भरत के हाथों कैचआउट करवाया। इसके बाद हालांकि उस्मान ख्वाजा और मार्नस
लाबुशेन ने चाय तक ऑस्ट्रेलिया का कोई और नुकसान नहीं होने दिया।
तीसरा सत्र शुरू होते ही उमेश ने ख्वाजा को भरत के हाथों
कैचआउट करवाया, हालांकि इसके बाद स्टीव
स्मिथ ने आक्रामक रुख अपनाकर भारतीय गेंदबाजों को दबाव में डाला। उन्होंने उमेश और
शमी को एक-एक चौका लगाकर अपनी पारी की शुरुआत की। दूसरे छोर पर खड़े लाबुशेन ने भी
दबाव से निकलते हुए शमी को कवर्स क्षेत्र में चौका लगाया।
स्मिथ-लाबुशेन की जोड़ी भारत के लिये घातक साबित हो सकती थी
लेकिन जडेजा ने भारत को दो महत्वपूर्ण सफलताएं दिलाईं। उन्होंने स्मिथ को शार्दुल
के हाथों कैचआउट करवाया, जबकि पिछली पारी के शतकवीर
ट्रैविस हेड को अपनी ही गेंद पर कैचआउट किया।
भारतीय गेंदबाजों ने स्टंप्स से पहले कुछ मौके और बनाये, लेकिन
लाबुशेन (41 नाबाद) और ग्रीन (सात नाबाद)
ने ऑस्ट्रेलिया का एक और विकेट नहीं गिरने दिया।
|