नयी दिल्ली- नीति आयोग के सदस्य स्वास्थ्य डाॅ. वी के पाल ने कहा है कि भारत के डिजिटल उत्पाद पूरे विश्व के लिए हैं तथा नवाचार को
प्रोत्साहन देकर डिजिटल स्वास्थ्य अंतराल को घटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। डॉ. पॉल ने सोमवार को हैदराबाद में जी-20 स्वास्थ्य
कार्यकारी समूह की तीसरी बैठक के दूसरे दिन संबोधित करते हुए कहा कि भारत की
डिजिटल अवसंरचना और क्षमताएं वैश्विक आर्थिक विकास और मानव विकास की समर्थक हैं।
उन्होंने कहा कि दक्षिण विश्व में भारत सार्वभौमिक
स्वास्थ्य की सहायता के लिए डिजिटल समाधान और नवाचार को बढ़ावा देकर डिजिटल
स्वास्थ्य विभाजन को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ. पाल ने आयुष्मान भारत का उल्लेख करते हुए कहा कि डिजिटल
स्वास्थ्य टेलीमेडिसिन और मोबाइल एप्लिकेशन जैसी पहलों के माध्यम से लोगों तक
स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं पहुंचाता है। उन्होंने कहा, “आइए हम
एक ऐसी दुनिया की कल्पना करें, जहां
डिजिटल स्वास्थ्य उपकरणों और सेवाओं का एक व्यापक पैकेज सभी के लिए सुलभ हो, जहां 2035 तक
डिजिटल स्वास्थ्य सभी के लिए हो।”