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“हमारी तैयारियों में कहीं कोई चूक न हो क्योंकि हम महामारी के बढ़ते प्रकोप का सामना कर रहे हैं। निर्बाध और प्रभावी महामारी प्रबंधन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच समग्र तालमेल सबसे महत्वपूर्ण है।“केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने आज यह बात छह पश्चिमी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों- महाराष्ट्र,मध्य प्रदेश,राजस्थान,गुजरात, गोवा,दादर एवं नागर हवेली और दमन एवं दीव के स्वास्थ्य मंत्रियों, प्रधान सचिवों/ अतिरिक्त मुख्य सचिवों और सूचना आयुक्तों के साथ वर्चुअल माध्यम से हुई बैठक के दौरान कही। यह वर्चुअल बैठक कोविड-19 पर नियंत्रण एवं प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों और राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान की प्रगतिकी समीक्षा के लिए की गई थी। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार भी उपस्थिति थी।
इस उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में शामिल होने वाले राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों में श्री रुशिकेश गणेशभाई पटेल (गुजरात),डॉ. प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश),श्री परसादी लाल मीणा (राजस्थान) और श्री राजेश टोपे (महाराष्ट्र) शामिल थे। इन स्वास्थ्य मंत्रियों ने कोविड-19 के विरूद्ध सहयोगात्मक और सामूहिक लड़ाई में भारत सरकार के निरंतर समर्थन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को धन्यवाद दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा छह राज्यों /केंद्रशासित प्रदेशों में कोविड-19 की स्थिति का आंकलन और विश्लेषण किया गया जिसमें कुल और नए मामलों, सक्रिय मामलों, साप्ताहिक और दैनिक पॉजिटिविटी, आरटी-पीसीआर और आरएटी परीक्षण के अनुपात के साथ किए गए साप्ताहिक परीक्षणों, मौतों, प्रति मिलियन कुल मामले (सीपीएम),टेस्ट प्रति मिलियन (टीपीएम) और ओमिक्रॉन मामले की स्थिति आदि को शामिल किया गया। इसके बाद निगरानी और रोकथाम गतिविधियों के प्रभावी कार्यान्वयन,अस्पताल के बुनियादी ढांचे में सुधार, परीक्षण में वृद्धि, वायरस के संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए कड़े प्रतिबंधात्मक उपायों को लागू करने और लोगों में कोविड से बचने के उचित व्यवहार पर जोर देने सहित कोविड प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक और विस्तृत चर्चा हुई।
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