वाशिंगटन- अमेरिका की एक अदालत ने मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमले के आरोपी शिकागो के व्यवसायी तहव्वुर
राणा की प्रत्यार्पण को मंजूरी दे दी है।फिलहाल राणा लॉस एंजेलिस के फेडरल जेल में
बंद है।
यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट
सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफोर्निया की मजिस्ट्रेट जज जैकलीन चूलजियान ने 16 मई को 48 पेज के आदेश में कहा था कि
न्यायालय ने अनुरोध के समर्थन और विरोध में प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की समीक्षा की
है और उन पर एवं सुनवाई में प्रस्तुत तर्कों पर विचार किया है। न्यायाधीश ने कहा
कि अदालत का निष्कर्ष है कि राणा उन अपराधों के लिए प्रत्यर्पण योग्य है जिसमें
उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है। आदेश बुधवार को जारी किया गया।
राणा को 2011 को मुंबई में हुए एक इस्लामी आतंकवादी समूह का समर्थन करने
का दोषी ठहराया गया था, जिसमें करीब 166 लोग मारे गए थे। लेकिन उसे हमले की साजिश में मदद करने के
लगे गंभीर आरोपों से मुक्त कर दिया गया। जिसके बाद, व्यवसायी को 2020 में भारत द्वारा प्रत्यर्पण
के अनुरोध के बाद फिर से गिरफ्तार किया गया था।
इसमें बताया गया कि राणा तब
तक अमेरिकी हिरासत में रहेगा, जब तक कि भारत के विदेश
मंत्री उसके प्रत्यर्पण पर अंतिम निर्णय नहीं ले लेते।
इसके अलावा, नवंबर 2008 में एक समूह ने ट्रेन
स्टेशन, होटल, कैफे और एक यहूदी
केंद्र पर गोलीबारी और बम हमले किए थे, जिसमें 160 से अधिक लोग मारे गए थे।
भारतीय अधिकारियों ने
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई निवासी राणा पर अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली
के साथ पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की सहायता करने की साजिश
रचने का आरोप लगाया था। पंद्रह साल बाद भारत को एक महत्वपूर्ण जीत मिली है।
कैलिफोर्निया की अदालत ने राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। यह फैसला
ऐसे मौके पर आया है, जब ठीक एक महीने बाद
राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पहली राजकीय
यात्रा पर अमेरिका जाने वाले हैं।मुंबई हमले की साजिश में
शामिल आरोपी के प्रत्यार्पण को मंजूरी
वाशिंगटन- अमेरिका की एक अदालत ने मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमले के आरोपी शिकागो के व्यवसायी तहव्वुर
राणा की प्रत्यार्पण को मंजूरी दे दी है।फिलहाल राणा लॉस एंजेलिस के फेडरल जेल में
बंद है।
यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट
सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफोर्निया की मजिस्ट्रेट जज जैकलीन चूलजियान ने 16 मई को 48 पेज के आदेश में कहा था कि
न्यायालय ने अनुरोध के समर्थन और विरोध में प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की समीक्षा की
है और उन पर एवं सुनवाई में प्रस्तुत तर्कों पर विचार किया है। न्यायाधीश ने कहा
कि अदालत का निष्कर्ष है कि राणा उन अपराधों के लिए प्रत्यर्पण योग्य है जिसमें
उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है। आदेश बुधवार को जारी किया गया।
राणा को 2011 को मुंबई में हुए एक इस्लामी आतंकवादी समूह का समर्थन करने
का दोषी ठहराया गया था, जिसमें करीब 166 लोग मारे गए थे। लेकिन उसे हमले की साजिश में मदद करने के
लगे गंभीर आरोपों से मुक्त कर दिया गया। जिसके बाद, व्यवसायी को 2020 में भारत द्वारा प्रत्यर्पण
के अनुरोध के बाद फिर से गिरफ्तार किया गया था।
इसमें बताया गया कि राणा तब
तक अमेरिकी हिरासत में रहेगा, जब तक कि भारत के विदेश
मंत्री उसके प्रत्यर्पण पर अंतिम निर्णय नहीं ले लेते।
इसके अलावा, नवंबर 2008 में एक समूह ने ट्रेन
स्टेशन, होटल, कैफे और एक यहूदी
केंद्र पर गोलीबारी और बम हमले किए थे, जिसमें 160 से अधिक लोग मारे गए थे।
भारतीय अधिकारियों ने
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई निवासी राणा पर अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली
के साथ पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की सहायता करने की साजिश
रचने का आरोप लगाया था। पंद्रह साल बाद भारत को एक महत्वपूर्ण जीत मिली है।
कैलिफोर्निया की अदालत ने राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। यह फैसला
ऐसे मौके पर आया है, जब ठीक एक महीने बाद
राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पहली राजकीय
यात्रा पर अमेरिका जाने वाले हैं।