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निचली अदालत का आदेश तथ्यों और कानून के विरुद्ध है और प्रत्येक मामले को उसकी विशिष्ट परिस्थितियों में देखा जाना चाहिए। यह भी कहा गया है कि आदेश के कारण याचिकाकर्ता की स्वतंत्रता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
इस्लामाबाद- इस्लामाबाद उच्च न्यायालय
ने तोशखाना मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को
बरकरार रखने संबंधी निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली पाकिस्तान
तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की याचिका पर मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मामले पर फैसला शीघ्र सुनाया जायेगा। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने कल यानी सोमवार को तोशखाना मामले में
पिछले महीने जारी वारंट को निलंबित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी, क्योंकि मामले की सुनवाई
में श्री खान की लगातार अनुपस्थिति थी। पीटीआई अध्यक्ष के वकील एडवोकेट अली बोखारी
ने न्यायालय से इस मामले पर आज सुनवाई का अनुरोध किया था जिसे स्वीकार कर लिया
गया। याचिका में कहा गया कि निचली अदालत का आदेश तथ्यों और कानून के विरुद्ध है और
प्रत्येक मामले को उसकी विशिष्ट परिस्थितियों में देखा जाना चाहिए। यह भी कहा गया
है कि आदेश के कारण याचिकाकर्ता की स्वतंत्रता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने कई नवीनतम निर्णयों के माध्यम से
आरोपी के पक्ष में कानून की व्याख्या की है और मामले की परिस्थितियों के अनुसार
आधुनिक तकनीकों को अपनाया है जबकि निचली अदालत की ओर से कानून में संशोधन की
अनदेखी करते हुए आदेश पारित किये गये है।
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