समाचार ब्यूरो
27/05/2022  :  20:39 HH:MM
दिल्ली जल बोर्ड ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को लिखा पत्र, दिल्ली के साथ भाजपा शासित राज्यों में भी दूषित पानी की हो जांच
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दिल्ली जल बोर्ड ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखा है। इसमें मांग की है कि दिल्ली के साथ भाजपा शासित राज्यों में भी दूषित पानी की जांच की जाए। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से निवेदन है कि पानी की जांच में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को भी शामिल करें। गुजरात के प्रमुख शहरों अहमदाबाद,‌ पालनपुर, मेहसाणा, पाटन, बनासकांठा, साबरकांठा सहित अन्य बड़े-बड़े शहरों के अंदर पानी की बहुत भीषण स्थिति है। हिमाचल प्रदेश के अंदर भूजल और नदियों का पानी इतना ज्यादा प्रदूषित हो चुका है कि कोर्ट ने मुख्य सचिव को बुलाकर फटकार लगाई है। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड, मिर्जापुर, महोबा, सोनभद्र, गाजियाबाद, फिरोजाबाद आदि शहरों मे पानी की किल्लत है, सीवर का पानी पीने के लिए लोग मजबूर हैं। मध्य प्रदेश के शहरों में गंदा पानी पीने से लोगों को पीलिया, टाइफाइड और लीवर से संबंधित रोगों की शिकायत आ रही है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष और विधायक सौरभ भारद्वाज ने आज महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखा था। दिल्ली में गंदे पानी की समस्या को लेकर उन्होंने मांग की थी कि गंदे पानी की जांच की जाए। हमें यह जानकर बड़ा दुख हुआ कि गजेंद्र सिंह शेखावत पूरे देश के केंद्रीय जलशक्ति मंत्री हैं। सिर्फ दिल्ली वालों पर इतना ध्यान देंगे तो बाकी राज्यों के लोगों का दिल टूटेगा कि पूरे देश के मंत्री केवल दिल्ली की चिंता क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से उनको पत्र लिखा गया है जिसके अंदर कहा है कि गुजरात भाजपा शासित है। उसके अंदर पानी की बहुत ज्यादा किल्लत है। यह बात कोई विपक्षी दल नहीं कह रहा है बल्कि भाजपा के पाटन सांसद भरत सिंह और बनासकांठा से सांसद परबतभाई पटेल ने यह बात बार-बार गुजरात के अंदर उठाई है कि वहां पर पानी की बहुत कमी है। कुछ दिनों पहले गुजरात के गांधीनगर में 554 लोग जहरीला पानी पीकर बीमार पड़े। उससे कुछ दिन पहले कच्छ में 50 से ज्यादा विद्यार्थियों ने अपने हॉस्टल का पानी पिया और काफी बीमार हुए। इतने बीमार हुए कि 50 से ज्यादा लोगों को कच्छ के अस्पताल के अंदर भर्ती कराना पड़ा। हमारी जानकारी के हिसाब से गुजरात के प्रमुख शहरों अहमदाबाद,‌ पालनपुर, मेहसाणा, पाटन, बनासकांठा, साबरकांठा सहित अन्य बड़े-बड़े शहरों के अंदर पानी की बहुत भीषण स्थिति है। हिमाचल प्रदेश के अंदर भूजल और नदियों का पानी इतना ज्यादा प्रदूषित हो चुका है कि हिमाचल के हाई कोर्ट ने वहां के मुख्य सचिव को बुलाकर फटकार लगाई है कि वहां पर इतना प्रदूषित पानी हो चुका है। नालागढ़ से लेकर सोलन तक जितनी भी इंडस्ट्री हिमाचल में स्थापित है, खासकर फॉर्मा इंडस्ट्री गैर शोधित पानी को नदियों में बहा रही है। हमीरपुर में इतना गंदा पानी आ रहा है कि एनजीटी ने कुछ दिन पहले वहां के प्रधान सचिव को तलब किया और फटकार लगाई। नालागढ़ में पानी इतना प्रदूषित हो गया है कि ट्यूबवैल और कुंए का पानी काला है। पानी प्रदूषित और जहरीला है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अंदर पानी के हालात बेहद खराब हैं। उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में पानी बहुत दूषित है। बुंदेलखंड के मिर्जापुर, महोबा, सोनभद्र, गाजियाबाद, फिरोजाबाद जैसे प्रमुख शहर जहां पर पानी की किल्लत है। सीवर का पानी पीने के लिए लोग मजबूर हैं। गाजियाबाद की लैंडक्राफ्ट सोसाइटी में पानी पीकर 35 बच्चों को उल्टी- पेट दर्द की शिकायत हुई। कानपुर में लोग गंदा और बदबूदार पानी पीने के लिए मजबूर हैं। उत्तर प्रदेश में ही जल जीवन मिशन जो कि एक लाख करोड़ से भी ज्यादा की योजना है, उसके अंदर ऐसी कंपनियों से पानी के पाइप खरीदे जा रहे हैं, जिस कंपनी को करीब आधा दर्जन राज्यों के अंदर ब्लैक लिस्ट किया हुआ है। मध्य प्रदेश के जबलपुर में गंदा पानी पीने से वहां पर सैकड़ों लोग बीमार पड़ गए। वहां पर लोगों को पीलिया टाइफाइड और लीवर से संबंधित रोगों की शिकायत आ रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से चाहेंगे कि सिर्फ हम पर ही कृपा ना करें। हमारा मंत्री से निवेदन है कि पूरा ध्यान अगर दिल्ली पर केंद्रित रखेंगे तो भाजपा शासित राज्यों को लगेगा कि उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं। कृपया करके अपनी जांच में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को भी शामिल करें।






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