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उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से आज विधानसभा में जो बजट पेश किया किया गया उसमें जहां ग्रामीण क्षेत्र में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा 1000 करोड की घोषणा की गई रेवम्प डिसटीब्यूशन सेक्टर स्कीम के लिए लगभग 5530 करोड की घोषणा की गई साथ ही 1 जनवरी 2022 से निजी नलकूप विद्युत उपभोक्ताओं के बीजको में 50 प्रतिसत छूट की बात कही गई निश्चित ही सरकार का यह उचित कदम है । लेकिन वहीं दूसरी ओर प्रदेश के लगभग 13 लाख 16 हजार 399 कृषि क्षेत्र के ट्वेबल उपभोक्ताओं यानी कि किसानों को इस बजट में बहुत उम्मीद थी कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने संकल्प पत्र के मुताबिक किसानों की बिजली फ्री करने के लिए बडा ऐलान करेगी लेकिन ऐसा नहीं किया गया जिससे किसानों में थोडा निराशा जरूर व्याप्त है वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना सौभाग्य के तहत गरीब परिवारों को निशुल्क कनेक्शन के लिए मासिक किस्तों की सुविधा से ही मात्र काम नहीं चलने वाला प्रदेश के गरीब घरेलू ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को इस बजट में उम्मीद थी कि उनकी बिजली दरों में सरकार कुछ राहत प्रदान करेगी लेकिन ऐसा नहीं किया गया जिससे भी थोडा निराशा सामने आई है ।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा इस बजट में गरीब घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में राहत प्रदान करने के लिए सरकार को बडा ऐलान करना चाहिए था सब मिलाकर सरकार को आगे इस बात पर सोचना चाहिए कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली कैसे उपलब्ध हो उस दिशा में राज्य सरकार द्वारा जो वर्तमान सब्सिड लगभग 11500 करोड लगातार दी जाती है उस में कुछ बढोतरी कराई जाए वर्तमान सब्सिडी के आधार पर यदि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के लिए कुल लगभग 2 हजार करोड की और सब्सिडी का ऐलान कर देती तो बेजेपी संकल्प पत्र के मुताबिक किसानों की बिजली फ्री हो जाती सब मिलाकर इस बजट से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को निराशा हाथ लगी है ।
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