समाचार ब्यूरो
24/05/2022  :  20:34 HH:MM
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का किया दौरा, केजरीवाल सरकार के सरकारी स्कूलों में बेस्ट स्कूल लीडरशिप प्रैक्टिसेज को लागू करने के तरीकों पर की चर्चा
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शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने एजुकेशनल पार्टनरशिप को और मजबूत करने के लिए यूनिवर्सिटी की फैकल्टी के साथ की मुलाकात
केजरीवाल सरकार अपने शिक्षकों के प्रोफेशनल डेवलपमेंट व पढ़ाने के नए इनोवेटिव तरीकों को सीखने में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है। केजरीवाल सरकार अपने शिक्षकों को वर्ल्ड-क्लास एक्सपोज़र के साथ-साथ अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करती है। दिल्ली सरकार ने अपने शिक्षकों को यूके फिनलैंड, सिंगापुर और भारत में आईआईएम में विभिन्न लीडरशिप व कैपेसिटी बिल्डिंग ट्रेनिंग के माध्यम से खुद को बेहतर बनाने और नई तकनीकी और शिक्षण के तरीकों को सीखने का अवसर दिया है। इसी दिशा में उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को लंदन में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की फैकल्टी से मुलाकात कर यूनिवर्सिटी के साथ चल रही दिल्ली सरकार की मौजूदा साझेदारी और इसे अगले स्तर पर ले जाने को लेकर चर्चा की। साथ ही मनीष सिसोदिया ने स्कूल लीडरशिप , करिकुलम डेवलपमेंट आदि के क्षेत्रों में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय के बीच जॉइंट सर्टिफिकेशन कोर्स तैयार करने के विचार पर भी चर्चा की। उपमुख्यमंत्री ने कैम्ब्रिज में चेस्टरटन कम्युनिटी कॉलेज का दौरा भी किया। यह उन स्कूलों में से एक है, जहां लीडरशिप की चुनौतियों को समझने के लिए दिल्ली सरकार के स्कूलों के स्कूल प्रमुख अपने प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में जाते हैं। कैम्ब्रिज में फैकल्टी के साथ बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा क्रांति में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने हमारे स्कूल लीडर्स को तैयार कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने विज़न को वास्तविकता में बदलने में सहायता करने के लिए दिल्ली की टीम एजुकेशन यूनिवर्सिटी की आभारी हैं। हमारे स्कूल प्रमुखों को कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से मिली ट्रेनिंग की बदौलत केजरीवाल सरकार के स्कूलों में आज सकारात्मक माहौल तैयार करने और बेहतर एडमिनिस्ट्रेटिव प्रैक्टिसेज को लागू करने में मदद मिली है। अपने दौरे के दौरान उपमुख्यमंत्री ने यूनिवर्सिटी फैकल्टी को केजरीवाल सरकार के विश्व-चर्चित हैप्पीनेस, देशभक्ति और एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के बारे में भी बताया। इसका लक्ष्य छात्रों को मेन्टल-इमोशनल तौर पर बेहतर बनाने, उन्हें बेहतर इंसान बनाने, जागरूक नागरिक बनाना, खुश रहना सिखाना और एंत्रप्रेन्योरशिप सोच विकसित करना हैं। श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल छात्रों को नौकरी करने या परीक्षा पास करने के लिए तैयार करना नहीं है। हमें शिक्षा के माध्यम से एक खुशहाल, सामाजिक रूप से जागरूक और जिम्मेदार नागरिक तैयार करना है। अगर हम छात्रों को उनके पर्यावरण या समाज के बारे में सिखाए बिना सिर्फ एटम या न्यूरॉन्स के बारे में पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते रहें, तो यह सीख उनकी जीवित वास्तविकताओं से अलग-थलग रहेगी। हमें समाज को शिक्षा लेने आने के लिए कहने के बजाय शिक्षा को समाज में ले जाने की जरूरत है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री होने के नाते अब अगला लक्ष्य रटने वाली शिक्षा प्रणाली को ख़त्म कर दिल्ली के अपने शिक्षा बोर्ड के माध्यम से व्यवहारिक शिक्षा को बढ़ावा देना है। एक ऐसे मूल्यांकन पद्धति को तैयार करना है जो ज्ञान का परिक्षण करने के बजाय छात्र की समझ को जांच सकें। इसके लिए मूल्यांकन के पूरे सिस्टम को बदलने की जरूरत हैं। यह काफी लंबा और मेहनत से भरा काम हैं लेकिन मुझे आशा है कि हम सब मिलकर यह कर पाएंगे। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल सरकार ने जून 2016 से अब तक अपने स्कूलों के 354 स्कूल प्रमुख, अधिकारियों व शिक्षकों को लीडरशिप ट्रेनिंग के लिए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी भेजा है। ‘Inspiring leadership improving performance’ नामक इस 10 दिवसीय प्रोग्राम को कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के 'जज बिज़नेस स्कूल' द्वारा आयोजित किया जाता है। जहां दिल्ली सरकार के स्कूलों के स्कूल प्रमुखों को प्रभावी नेतृत्व, टाइम मैनेजमेंट, करिकुलम इनोवशन जैसे विषयों में प्रशिक्षित किया जाता हैं। अब तक ऐसे 12 बैचों को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है। साथ ही शैक्षणिक वर्ष 2022-2023 में 150 HoS के प्रशिक्षण के लिए एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। स्कूल प्रमुखों का अगला बैच 19 से 28 जून 2022 तक कैम्ब्रिज का दौरा करने वाला है। *एजुकेशन वर्ल्ड फोरम-2022 के वैश्विक पटल पर कल किया था “दिल्ली शिक्षा मॉडल” साझा* उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को लंदन में आयोजित हो रहे एजुकेशन वर्ल्ड फोरम-2022 में दुनियाभर के 122 शिक्षा मंत्रियों और एक्सपर्ट्स के सामने दिल्ली की शिक्षा क्रांति की गौरवगाथा साझा की। मनीष सिसोदिया ने अपने अभिभाषण में बताया कि कैसे केजरीवाल सरकार ने शिक्षा को प्राथमिकता बनाकर लोगों का सरकारी एजुकेशन सिस्टम के प्रति भरोसा बढ़ाया। उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में शिक्षा में आए बदलावों के बारे में साझा करते है कहा कि 2015 में जब आम आदमी पार्टी सरकार में आई तब दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत जर्जर थी और यहां बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी थी। तब पेरेंट्स मजबूरी में अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने भेजा करते थे लेकिन जिस किसी के पास भी थोड़े संसाधन थे वो पेरेंट्स अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में ही भेजते थे। हमने इस परिदृश्य को बदलने का काम किया। उन्होंने बताया कि 2015 में सरकार में आते ही दिल्ली सरकार ने हर साल अपने कुल बजट का लगभग 25 फीसदी शिक्षा को दिया है। स्कूल प्रमुखों को वित्तीय व प्रशासनिक शक्तियां बढ़ाई। इन सबकी बदौलत यहां 12वीं का रिजल्ट लगभग 100 फीसदी है। हर साल सैकड़ों की संख्या में केजरीवाल सरकार के स्कूलों के बच्चों को भारत के टॉप संस्थानों में एडमिशन मिल रहा है।






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