समाचार ब्यूरो
24/05/2022  :  16:41 HH:MM
पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कटौती के एक तीर से कितने धराशायी ?
Total View  1466


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पेट्रोलियम उत्पाद पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों में पर्याप्त अप्रत्याशित कटौती करके एक तीर से कई निशाने साधे हैं। पेट्रोलियम पदार्थों के साथ एलपीजी की कीमतों में कटौती से जनता ने राहत की सांस जी है। पेट्रोल में 9.50 रुपये की कटौती से यह 100 रुपये के नीचे आगया है। डीजल में 7 रुपये की कटौती और उज्वला योजना के अन्तर्गत आने वाले एलपीजी धारकों को प्रति सिलेण्डर 200 रुपये की राहत दी गई है। अन्तर्राष्ट्रीय जगत में जमाई शाख पेट्रोलियम उत्पाद के पदार्थों की कीमतों में कटौती से अन्तर्राष्ट्रीय जगत में भारत की नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपनी अच्छी शाख जमाई है। वर्तमान में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अनेक देशों की अर्थ व्यवस्था डगमगा गई है। पेट्रोलियम उत्पाद के पदार्थों की कीमतों में तो बेतहासा वृद्धि हुई है। भारत के तीन-चार पड़ौसी देश- पाकिस्तान, श्रीलंका, बांगलदेश जैसे देश कंगाली के कगार पर हैं। वहीं भारत द्वारा पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में पर्याप्त कटौती किये जाने से अन्य देश हतप्रभ हैं। कांग्रेस के श्री राहुल गांधी के वे बयान कि भारत की स्थिति श्रीलंका जैसी है अनर्गल सिद्ध हुए है। विपक्ष चारों खाने चित्त पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में पर्याप्त कटौती किये जाने से विपक्ष चारों खाने चित्त हो गया है। जब महंगाई बढ़ती है या अन्य कोई बड़ी परेशानी होती है तो जनता विपक्ष से उम्मीद करती है कि वह उसकी आबाज उठाये और महंगाई कम करवाने के प्रयत्न करे। मोदी सरकार के पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कटौती के निर्णय से लगा जैसे विपक्ष की कोई भूमिका ही नहीं। मंहगाई पर बिना किसी बड़े अन्दोलन के पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कटौती। लोग कह रहे आखिर विपक्ष की क्या भूमिका है। इस घोषणा के होते ही एक और सिक्क उछाल दिया गया है, कि राज्य सरकारें भी टैक्स घटाएँ। विपक्ष की जहाँ जहाँ सरकारें हैं, जनता उनसे अपेक्षा कर रही है कि बड़ी बड़ी बातें तो करते हैं, वे भी तो ऐसे कुछ कार्य करके अपनी नजीर पेश करें। देश की जनता में विश्वसनीयता बढ़ी केन्द्र सरकार के इस फैसले से जनता खुश है। इससे मंहगाई में कमी आयेगी। यह सभी जानते हैं कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें घटने-बढ़ने पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। अभी यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण उम्मीद यही थी कि पेट्रोल आदि की कीमतें और बढ़ेंगीं जैसा कि अन्य देशों में हो रहा है। इस कारण जनता को उम्मीद नहीं थी कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होंगीं। इस कटौती से जनता को अचानक तोहफा सा मिला है। इससे महंगाई पर लगाम लगेगी, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आयेगी। जनता ने तो इस फैसले से राहत की सांस ली है। बीजेपी के लोग भी सीना फुलाकर घूम रहे हैं।






Enter the following fields. All fields are mandatory:-
Name :  
  
Email :  
  
Comments  
  
Security Key :  
   5150596
 
     
Related Links :-
पार्श्वगायक नहीं अभिनेता बनना चाहते थे मुकेश
दिग्गज बॉलीवुड गीतकार देव कोहली का निधन
शैक्षणिक विकास निगम में भ्रष्टाचार की निगरानी से करायें जांच : सुशील
स्वदेशी गाय की खरीद पर ट्रांसर्पोटेशन और बीमा का खर्च उठाएगी योगी सरकार
शंखनाद अभियान का आगाज करेगी भाजपा
आयकर विभाग की वेबसाइट नये स्वरूप में लाँच
अडानी ने लगायी गुजरात ऊर्जा निगम को 3900 करोड़ रुपए की चपत: कांग्रेस
लखनऊ रामेश्वरम रेल हादसे पर खडगे, राहुल, प्रियंका ने जताया शोक
तमिलनाडु ट्रेन हादसे पर मुर्मु ने जताया शोक
एनडीएमए ने ‘आपदा मित्रों’ को किया सम्मानित