भारतीय राजनीति में बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के साथ गठबंधन के भविष्य को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस बार यह पूरा मसला जेडीयू कोटे से मोदी सरकार में मंत्री बने आरसीपी सिंह की राज्यसभा में वापसी के सवाल के साथ शुरू हुआ और अभी तक इस विवाद का कोई समाधान निकल भी नहीं पाया था कि जातीय जनगणना को लेकर नीतीश कुमार द्वारा उठाए गए कदम ने बीजेपी के सामने एक और परेशानी खड़ी कर दी है। दरअसल, लंबे समय तक चले वाद-विवाद और कई फॉर्मूले पर चर्चा के बाद जेडीयू कोटे से केवल एक नेता आरसीपी सिंह को मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल किया गया था। लेकिन अब राज्यसभा का उनका कार्यकाल जुलाई 2022 में समाप्त होने जा रहा है। मंत्री बने रहने के लिए उनका सांसद बने रहना जरूरी है लेकिन विधायकों की संख्या के आधार पर जेडीयू सिर्फ एक उम्मीदवार को ही जीता सकती है लेकिन उस सीट को लेकर भी कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं।
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