वैज्ञानिकों का कहना है कि ‘मिश्रित प्रतिरोध क्षमता' वाले लोगों को कोविड-19 वायरस का असर होने का खतरा उन लोगों के मुकाबले कम है, जिन्हें पहले कोविड नहीं हुआ है। मिश्रित प्रतिरोध क्षमता से वैज्ञानिकों का आश्य उस इम्युनिटी से है जो वैक्सीन की दोनों खुराक लगवाने और कोविड हो जाने बाद शरीर द्वारा खुद तैयार करने से मिलती है।
दो साल में कोरोना वायरस महामारी से दुनियाभर में 61 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है जबकि 50 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी से कम से कम एक बार ग्रस्त हो चुके हैं। अरबों लोगों को कोविड वैक्सीन की खुराक मिल चुकी है। इसी बारे में प्रकाशित दो अध्ययनों में वैक्सीन की अहमियत पर और जोर दिया गया है।
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