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गाजियाबाद,रविवार 14 नवम्बर 2021,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "ऋतु परिवर्तन में स्वास्थ्य रक्षा" पर ऑनलाइन गोष्टी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल मे 312 वां वेबिनार था। मुख्य वक्ता डॉ.सुषमा आर्या (आयुर्वेदाचार्य) ने कहा कि बदलते मौसम में सावधानी रखना आवश्यक है।ऋतु परिवर्तन होने पर विशेषत: शीत ऋतु के आगमन पर उत्तम स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने पड़ते हैं आयु के साथ कमजोर हुआ शरीर सर्दी के कारण उच्च रक्तचाप, कर्ण रोग, शुगर, हृदय रोग,कब्ज रोग, मानसिक तनाव, नींद की समस्या,नशा आदि करने का शिकार हो सकता है।उससे भी भयानक बीमारियां असावधानी से जकड़ सकती हैं । सर्दियों में अत्यंत सावधान रहने की आवश्यकता है खान-पान पर विशेष ध्यान, नियमित व्यायाम, 40 वर्ष के बाद रूटीन चेकअप ,चारों आश्रमों का पालन करने से व्यक्ति दीर्घायु को पा सकता है।अलसी के तेल से मालिश और सेवन, कलौंजी के तेल का सेवन,भीगे हुए काले अंकुरित चने,कच्ची हल्दी,अदरक आदि का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए एक बहुत लाभदायक पाउ डर है जो घर में बना कर रखना चाहिए।ढाई सौ ग्राम मेथी दाना, 100 ग्राम अजवाइन, 50 ग्राम काली जीरी इनको हल्का भून कर पाउडर बनाकर रख लेना चाहिए रात को सोते समय आधा चम्मच गर्म पानी के साथ पाउडर लेना चाहिए इससे गठिया, झुर्रियां पड़ना आंखों के रोग, वात रोग, कब्ज से मुक्ति ,दांत मजबूत, शुगर आदि बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है सावधानी जो दवाई आपकी पहले चल रही है उसे बंद नहीं करना है अतिरिक्त औषधि के रूप में यह पाउडर अवश्य सहायक सिद्ध होगा।नींबू, बथुआ,पालक अर्थात मौसमी फल और सब्जियों के सूप जीवन रक्षक हो सकते हैं। चेहरा इन दिनों खुश्क हो जाता है चेहरे और त्वचा की देखभाल के लिए विटामिन ई अथवा सी के 4 कैप्सूल अथवा गोली ,दो चम्मच ग्लिसरीन, दो चम्मच गुलाब जल और एलोवेरा का जैल मिलाकर रख लें इसे चेहरे पर लगाएं। चेहरा खिला रहे गा प्रतिदिन स्नान अवश्य करें और ठंडे पानी के सेवन से बचें।
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