|
केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी राजà¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ (सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°), पृथà¥à¤µà¥€ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ राजà¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ (सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°), पीà¤à¤®à¤“, कारà¥à¤®à¤¿à¤•, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणॠऊरà¥à¤œà¤¾ और अंतरिकà¥à¤· राजà¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ डॉ. जितेंदà¥à¤° सिंह ने आज यहां कहा कि "सà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¥à¤Ÿ-अप इंडिया"में "बैंगनी कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति"जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° का योगदान है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि इस पहल की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ 2016 में पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेनà¥à¤¦à¥à¤° मोदी ने की थी और आज हम पहला राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¥à¤Ÿ-अप दिवस मना रहे हैं। केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ ने वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• और औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक अनà¥à¤¸à¤‚धान परिषद (सीà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤†à¤°) के जरिठअरोमा मिशन की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की थी, जिसने à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ "बैंगनी कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति"को जनà¥à¤® दिया है। इस बारे में मंतà¥à¤°à¥€ ने बताया कि सीà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤†à¤° ने कई जिलों में खेती के लिठजमà¥à¤®à¥‚ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अपनी पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—शाला- इंडियन इंसà¥à¤Ÿà¥€à¤Ÿà¥à¤¯à¥‚ट ऑफ इंटीगà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤µ मेडिसिन (आईआईआईà¤à¤®) के जरिठउचà¥à¤š मूलà¥â€à¤¯ की जरूरी तेल वाली लैवेंडर फसल की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की थी। शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में डोडा, किशà¥à¤¤à¤µà¤¾à¤¡à¤¼, राजौरी और इसके बाद अनà¥à¤¯ जिलों, जिनमें रामबान और पà¥à¤²à¤µà¤¾à¤®à¤¾ आदि शामिल हैं, इसे शà¥à¤°à¥‚ किया गया था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आगे कहा कि थोड़े ही समय में अरोमा/लैवेंडर की खेती कृषिगत सà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¥à¤Ÿ-अप के लिठकृषि में à¤à¤• लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ विकलà¥à¤ª बन गई है।
डॉ. जितेंदà¥à¤° सिंह ने à¤à¤• तथà¥à¤¯, जिसके बारे अधिकांश लोगों को जानकारी नहीं है, उसे साà¤à¤¾ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि डोडा जिले के सà¥à¤¦à¥‚र गांव खिलानी के रहने वाले à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥‚षण नाम के à¤à¤• यà¥à¤µà¤¾ सफलता की अनà¥à¤•à¤°à¤£à¥€à¤¯ कहानी बन चà¥à¤•à¥‡ हैं। à¤à¥‚षण ने सीà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤†à¤°-आईआईआईà¤à¤® के सहयोग से लगà¤à¤— 0.1 हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° à¤à¥‚मि में लैवेंडर की खेती शà¥à¤°à¥‚ की। इसके बाद जैसे-जैसे लाठहोना शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤†, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने घर के आस-पास मकà¥à¤•à¥‡ के खेत के à¤à¤• बड़े कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° को à¤à¥€ लैवेंडर के बगान में बदल दिया। मंतà¥à¤°à¥€ ने आगे बताया कि आज उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 20 लोगों को काम पर रखा है, जो उनके लैवेंडर के खेतों और पौधशाला (नरà¥à¤¸à¤°à¥€) में काम कर रहे हैं। वहीं, उनके जिले के लगà¤à¤— 500 किसानों ने à¤à¥€ मकà¥à¤•à¥‡ को छोड़कर बारहमासी फूल वाले लैवेंडर पौधे की खेती शà¥à¤°à¥‚ करके à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥‚षण का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ किया है।
डॉ. जितेंदà¥à¤° सिंह ने कहा, दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤£ है कि सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ मीडिया में यह कà¤à¥€ नहीं बताया गया कि आईआईआईà¤à¤®, जमà¥à¤®à¥‚ अरोमा और लैवेंडर की खेती में संलगà¥à¤¨ सà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¥à¤Ÿ-अपà¥à¤¸ को उनकी उपज बेचने में सहायता कर रही है। मà¥à¤‚बई सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अजमल बायोटेक पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ लिमिटेड, अदिति इंटरनेशनल और नवनैतà¥à¤°à¥€ गमिका जैसी पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कंपनियां इसकी पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• खरीदार हैं।
आजादी का अमृत महोतà¥à¤¸à¤µ के अवसर पर डॉ. जितेंदà¥à¤° सिंह ने घोषणा की कि सीà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤†à¤° ने अरोमा मिशन का पहला चरण पूरा होने के बाद इसका दूसरा चरण शà¥à¤°à¥‚ किया है। आईआईà¤à¤® के अतिरिकà¥à¤¤ अब सीà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤†à¤°-आईà¤à¤šà¤¬à¥€à¤Ÿà¥€, सीà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤†à¤°-सीआईà¤à¤®à¤à¤ªà¥€, सीà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤†à¤°-à¤à¤¨à¤¬à¥€à¤†à¤°à¤†à¤ˆ और सीà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤†à¤°-à¤à¤¨à¤ˆà¤†à¤ˆà¤à¤¸à¤Ÿà¥€ à¤à¥€ अरोमा मिशन में हिसà¥à¤¸à¤¾ ले रही हैं।
अरोमा मिशन पूरे देश से सà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¥à¤Ÿ-अपà¥à¤¸ और कृषकों को आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ कर रहा है। इसके पहले चरण के दौरान सीà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤†à¤° ने 6000 हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° à¤à¥‚मि पर खेती में सहायता की। इस मिशन को देश के 46 आकांकà¥à¤·à¥€ जिलों में संचालित किया गया। इसके तहत 44,000 से अधिक लोगों को पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ किया गया और किसानों को कई करोड़ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की आय की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆ है। वहीं, अरोमा मिशन के दूसरे चरण में पूरे देश के 75,000 से अधिक कृषक परिवारों को लाà¤à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ करने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से 45,000 से अधिक कà¥à¤¶à¤² मानव संसाधनों को इसमें शामिल करने का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ है।
|