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केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ गृह à¤à¤µà¤‚ सहकारिता मंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ अमित शाह ने आज गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के कलोल में पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कृषि का लोगो, à¤à¤«à¤ªà¥€à¤“ के माधà¥à¤¯à¤® से कृषि उपज की बिकà¥à¤°à¥€ के लिठपà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ मोबाइल à¤à¤ªà¥à¤ª और कृषि उपज की बिकà¥à¤°à¥€ के लिठई-वà¥à¤¹à¥€à¤•à¤² लॉनà¥à¤š किया। इस अवसर पर गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² आचारà¥à¤¯ देववà¥à¤°à¤¤ जी और गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ à¤à¥‚पेनà¥à¤¦à¥à¤° पटेल सहित अनेक गणमानà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे। इस अवसर पर अपने संबोधन की शà¥à¤°à¥‚आत केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ गृह मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा कि देश के आज़ाद होने के बाद आबादी बढ़ती गई लेकिन सिंचाई और वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• कृषि का अà¤à¤¾à¤µ रहा और इसी के कारण देश के सामने बहà¥à¤¤ बड़ा संकट आया कि देश अनाज के मामले में आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° नहीं था। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के बड़े बड़े देश खराब गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ के गेहूं और चावल देने के लिठशरà¥à¤¤à¥‡à¤‚ रखते थे। इसी कारण à¤à¤¾à¤°à¤¤ में हरित कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ˆ और इसके आरंठसे ही रासायनिक खाद का उपयोग शà¥à¤°à¥ हà¥à¤† और देश आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° हो गया। लेकिन हर दस साल में हर समाज को अपनी पदà¥à¤§à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की समीकà¥à¤·à¤¾ करनी चाहिठकि हमारी जरूरतें बदली हैं या नहीं, ज़रूरतें पूरी करने के कोई खराब परिणाम तो नहीं मिल रहे, इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का सà¥à¤µà¤®à¥‚लà¥à¤¯à¤¾à¤‚कन करना चाहिà¤à¥¤ à¤à¤¸à¤¾ देखने में आया कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में रासायनिक खाद के अधिक उपयोग के कारण ज़मीन बंजर होती जा रही है और केमिकलà¥à¤¸ के जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उपयोग से à¤à¥‚मिगत जलसà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤ à¤à¥€ दूषित होने शà¥à¤°à¥‚ हो गà¤à¥¤ इस संकट को पहचानने का काम सबसे पहले देश के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ नरेनà¥à¤¦à¥à¤° मोदी जी ने किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¸à¥‡ विकलà¥à¤ª ढूंढने की शà¥à¤°à¥‚आत की जिनसे रासायनिक खाद का उपयोग बंद हो, कृषि की पैदावर à¤à¥€ अधिक हो, पानी की ज़रूरत कम हो और किसान समृदà¥à¤§ बनें। यह चारों चीज़ें इकटà¥à¤ ा होने पर ही हम à¤à¤• नई हरित कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ कर सकते हैं, जो पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कृषि से सृजित हो और आने वाले कई सालों तक à¤à¥‚मि को खराब करने की बजाय à¤à¥‚मि का संरकà¥à¤·à¤£ और संवरà¥à¤§à¤¨ करे और à¤à¤¸à¤¾ करने का à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कृषि ही है। शà¥à¤°à¥€ अमित शाह ने कहा कि देश के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ ने ये पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ किया है कि पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कृषि à¤à¥‚मि को ख़राब होने से बचाती है, इससे अनाज, फल, दाल, तेल, गेहूं आदि में रासायनिक पदारà¥à¤¥ की मातà¥à¤°à¤¾ कम होती है, हमारा सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ अचà¥à¤›à¤¾ होता है, कृषि की पैदावर बढ़ती है, किसान की समृदà¥à¤§à¤¿ बढ़ती है, पानी का उपयोग कम होता है और à¤à¥‚मि उरà¥à¤µà¤°à¤• बनती है। आचारà¥à¤¯ देववà¥à¤°à¤¤ जी के नेतृतà¥à¤µ में ये अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥‚ करना तय हà¥à¤† था। आचारà¥à¤¯ देववà¥à¤°à¤¤ जी हिमाचल पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² बने और वहां उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने किसानों तक यह पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— पहà¥à¤‚चाना शà¥à¤°à¥‚ किया। इसके बाद जो अनà¥à¤à¤µ हà¥à¤, उस पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ नरेनà¥à¤¦à¥à¤° मोदी जी से चरà¥à¤šà¤¾ की। जब वे गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² बने तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यहां à¤à¥€ इस अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ की शà¥à¤°à¥‚आत की। कोरोनाकाल के दौरान à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दो लाख से अधिक किसानों में और ढाई लाख हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° से अधिक कृषि योगà¥à¤¯ à¤à¥‚मि पर इसकी शà¥à¤°à¥‚आत की। इतने बड़े पैमाने पर à¤à¥‚मि की कृषि पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ बदलने में कई दशक लग जाते हैं, लेकिन यहां सिरà¥à¤« दो साल में यह परिवरà¥à¤¤à¤¨ आया, जिसका मतलब है कि गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के किसानों ने इसके लाठको पहचाना, सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤°à¤¾ और अपने साथियों को à¤à¥€ इसके लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया।
केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ गृह à¤à¤µà¤‚ सहकारिता मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा कि इस पूरे अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ को देश के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ नरेनà¥à¤¦à¥à¤° मोदी जी ने 16 दिसंबर के दिन पूरे देश के आठकरोड़ किसानों के सामने रखा था और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह बात बहà¥à¤¤ आसानी से समठली। कई किसानों ने अपनी कृषि पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ को बदलना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया है। पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ जी ने यह à¤à¥€ बताया कि अगर आपके पास 10 à¤à¤•à¤¡à¤¼ à¤à¥‚मि है, तो दो à¤à¤•à¤¡à¤¼ से शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ करिठऔर बाद में और दो à¤à¤•à¤¡à¤¼ बढ़ाइà¤, लेकिन इसकी शà¥à¤°à¥‚आत करनी ही होगी। अगर अनà¥à¤¨à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾ ही à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯, पृथà¥à¤µà¥€ और देश के बारे में नहीं सोचेगा तो हम à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• संकट की ओर बढ़ जायेंगे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ में à¤à¥‚मिगत जलसà¥à¤¤à¤° 1000 से 1200 फीट नीचे चला गया है और हम आज आनेवाली सात पीढ़ियों का पानी पी रहे हैं, हमें इस बात के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरà¥à¤• होना चाहिठऔर इसके चलते नई पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ को सीखने और सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤°à¤¨à¥‡ की उतà¥à¤¸à¥à¤•à¤¤à¤¾ à¤à¥€ बढ़ानी होगी। मैंने गांधीनगर लोकसà¤à¤¾ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के सांसद के तौर पर तय किया है कि यहां कम से कम 50 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ किसान पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कृषि को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करें और इस दिशा में कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ होना मेरा फरà¥à¤œ है।
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