समाचार ब्यूरो
05/01/2022  :  14:50 HH:MM
श्री पीयूष गोयल ने अखिल भारतीय टेक्सटाइल एसोसिएशन को संबोधित करते हुए वस्त्र क्षेत्र के लिए जीएसटी स्लैब को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के निर्णय को स्थगित करने को लेकर प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया
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केंद्रीय वस्त्र, वाणिज्य एवं उद्योग तथा उपभोक्ता कार्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि उद्योग जगत और सरकार भारत की विकास गाथा में भागीदार हैं और अब अपेक्षाकृत बड़े तथा साहसिक लक्ष्य के साथ वस्त्र क्षेत्र में वैश्विक चैंपियन बनने का समय आ गया है। आज भारत में वस्त्र योग की अग्रणी हस्तियों के साथ बातचीत करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव की इस अवधि में, हम सभी को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सामूहिक रूप से अपने प्रयासों को एक दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए। श्री गोयल ने वस्त्र उद्योग को 100 अरब डॉलर के निर्यात के लक्ष्य को शीघ्र प्राप्त करने के लिए काम करने का आह्वान किया।
जीएसटी परिषद की 46वीं बैठक में लिए गए टैक्स स्लैब को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के निर्णय को स्थगित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री का धन्यवाद करते हुए श्री गोयल ने कहा कि यह वस्त्र उद्योग के लिए नए साल का तोहफा है। उन्होंने कहा कि उद्योग के हितधारकों से प्राप्त किए गए अनुरोधों पर वर्तमान चुनौतीपूर्ण समय में विचार किया गया जब वस्त्र क्षेत्र अपनी भरपाई के रास्ते पर था। उन्होंने एमएमएफ सेगमेंट में जीएसटी स्लैब बढ़ाने के संबंध में अपनी सभी शिकायतों के साथ मंत्रालय से जुड़े रहने वाले वस्त्र क्षेत्र की हस्तियों का भी आभार व्यक्त किया।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वस्त्र क्षेत्र को गति, कौशल और गुणवत्ता हासिल करने के लिए एक नई ताकत मिली है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, हमें अपने कारीगरों, बुनकरों, किसानों और एमएसएमई को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है।

एक आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने और वस्त्र क्षेत्र के वैश्विक मानचित्र पर भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए कई परिवर्तनकारी सुधारों के बारे में बात करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि हमने कदम-कदम पर अपने प्रतिस्पर्धी और तुलनात्मक लाभ का पूरी तरह से उपयोग करने के लिए राष्ट्र के वस्त्र के क्षेत्र में इको-सिस्टम को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि इन कदमों से बुनकरों से लेकर महिला उद्यमियों तक हर वर्ग को सशक्त बनाया गया है।

श्री गोयल ने वस्त्र उद्योग की अग्रणी हस्तियों से इस क्षेत्र में सुधार तथा विकास के लिए सुझाव भेजने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास के बल पर साथ मिलकर हम निश्चित रूप से अपने सभी लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे।

श्री गोयल ने विकास और आत्मनिर्भरता के उपाय के बारे में चर्चा की और सुझाव भी दिए। वस्त्र उद्योग के लिए पीएलआई योजना की चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि पीएलआई एमएमएफ और तकनीकी वस्त्र उद्योग में भारत की वैश्विक उपस्थिति को बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि 10,683 करोड़ रुपये की योजना से 7.5 लाख प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि 7 पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्र) पार्कों की मंजूरी से अत्याधुनिक तकनीक, निवेश आकर्षित होगा और प्रति पार्क 1 लाख प्रत्यक्ष और 2 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।

श्री गोयल ने कहा कि आरओएससीटीएल योजना को मार्च 2024 तक जारी रखने से निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि परिधान और मेड अप के अलावा अन्य वस्त्र उत्पादों के लिए आरओडीटीईपी को आरओएससीटीएल में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि पीटीए, विस्कोस स्टेपल फाइबर, एक्रेलिक, नाइलॉन जैसे कई प्रमुख कच्चे माल पर एंटी-डंपिंग शुल्क को हटाकर मानव निर्मित फाइबर आधारित वस्त्र उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

श्री गोयल ने कहा कि सरकार एफटीए के माध्यम से वस्त्रों के लिए नए बाजार प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख देशों के साथ चल रही सभी वार्ताओं में टेक्सटाइल उत्पादों के लिए रियायती शुल्क प्राप्त करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। समर्थ योजना के बारे में बात करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि 3.45 लाख लाभार्थियों के कौशल विकास तथा प्रशिक्षण में मदद करने के लिए 71 कपड़ा निर्माता, 10 उद्योग संघ, 13 राज्य सरकार की एजेंसियां ​​और 4 क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जीईएम प्लेटफॉर्म पर ऑन-बोर्ड बुनकरों के लिए कदम उठाए गए हैं, ताकि वे अपने उत्पादों को सीधे सरकार को बेच सकें, इसके लिए 1.50 लाख बुनकर सामने आए। श्री गोयल ने कहा कि रियायती ऋण/बुनकर मुद्रा योजना के तहत वित्तीय सहायता के लिए, श्री गोयल ने कहा कि श्री गोयल ने कहा कि ऋण राशि के 20 प्रतिशत की दर से (अधिकतम 25,000 रुपए प्रति बुनकर) और प्रति हथकरघा संगठन ऋण राशि के 20 प्रतिशत की दर से (अधिकतम 20 लाख रुपए) मार्जिन मनी सहायता उपलब्ध है।

श्री गोयल ने कहा कि बड़े पैमाने पर निर्यात होने से हमें "लोकल गोज ग्लोबल; मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड” के सपने को साकार करने में मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि अप्रैल-नवंबर 2021 में अप्रैल-नवंबर 2019 की समान अवधि की तुलना में वस्त्र निर्यात 45 प्रतिशत बढ़कर 16.7 बिलियन डॉलर हो गया।

कोविड महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के बारे में चर्चा करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि हमें नुकसान हुआ है लेकिन हमने कई सबक भी सीखे हैं। उन्होंने कहा, "बुद्धिमान कठिन परिस्थितियों से भी बहुत कुछ सीखते हैं"। उन्होंने कहा कि हमने आपदा को अवसर में बदल दिया है।






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