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गाजियाबाद,वीरवार 3 फरवरी 2022,केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ आरà¥à¤¯ यà¥à¤µà¤• परिषद के ततà¥à¤µà¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ में "बसंत आयो रे" विषय पर ऑनलाइन गोषà¥à¤ ी का आयोजन किया गया । यह कोरोना काल में 347 वां वेबिनार था।गीत संगीत से सबने उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ परà¥à¤µ बसंत ऋतॠका अà¤à¤¿à¤¨à¤‚दन किया।
केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ आरà¥à¤¯ यà¥à¤µà¤• परिषदॠके राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· अनिल आरà¥à¤¯ ने बसंत ऋतॠकी शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤‚ देते हà¥à¤ कहा कि यह पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के सौंदरà¥à¤¯,उलà¥à¤²à¤¾à¤¸,सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ व संगीत का परà¥à¤µ है।à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ परà¥à¤µà¥‹à¤‚ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ है।माघ मास की शà¥à¤•à¥à¤² पंचमी से वसंत की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ हो जाती है।वसंत का उतà¥à¤¸à¤µ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के समà¥à¤®à¤¾à¤¨ का उतà¥à¤¸à¤µ है।सदैव सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° दिखने वाली पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ वसंत ऋतॠमें सोलह कलाओं में दीपà¥â€à¤¤ हो उठती है।यौवन हमारे जीवन का मधà¥à¤®à¤¾à¤¸ वसंत है तो वसंत इस सृषà¥à¤Ÿà¤¿ का यौवन।उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि वसंत का उतà¥à¤¸à¤µ अमर आशावाद का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है।वसंत का सचà¥à¤šà¤¾ पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ जीवन में कà¤à¥€ निराश नहीं होता।पतà¤à¥œà¤¼ में जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वृकà¥à¤· के पतà¥à¤¤à¥‡ गिर जाते हैं, उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वह अपने जीवन में से निराशा और असफलताओं को à¤à¤Ÿà¤• देता है।निराशा से घिरे हà¥à¤ जीवन में वसंत आशा का संदेश लेकर आता है।निराशा के वातावरण में आशा की अनोखी किरण फूट पड़़ती है।
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤µà¥€à¤£ आरà¥à¤¯ ने कहा कि जीवन और वसंत को जिसने à¤à¤•à¤°à¥‚प कर दिया है,à¤à¤¸à¥‡ मानव को हमारी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ सनà¥à¤¤ कहकर पà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¤à¥€ है।जो जीवन में वसंत लाठवही सनà¥à¤¤ हैं।सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤‚द जी के जनà¥à¤® दिवस 2 फरवरी पर उनको याद करते हà¥à¤ शà¥à¤°à¥€ आरà¥à¤¯ ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी à¤à¤¾à¤°à¤¤ के उन महान राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤•à¥à¤¤ संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में अगà¥à¤°à¤£à¥€ थे,जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना जीवन सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥€à¤¨à¤¤à¤¾,सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯,शिकà¥à¤·à¤¾ तथा वैदिक धरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° के लिठसमरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर दिया था।
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