मीडिया में आई कà¥à¤› रिपोरà¥à¤Ÿà¥à¤¸ में वरà¥à¤· 2021 के दौरान हà¥à¤ˆ बाघों की मौत की खबर को इस तरह से उजागर किया गया है, जो à¤à¤• तरह से देश में बाघ संरकà¥à¤·à¤£ के बारे में à¤à¤•à¤¤à¤°à¤«à¤¾ दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¤¾ है।
हालांकि इस बात की सराहना की जाती है कि इन रिपोरà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ बाघ संरकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤°à¤£ की वेबसाइट पर उपलबà¥à¤§ आंकड़ों का उपयोग किया गया है, लेकिन जिस तरह से इस विवरण को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है, वह चेतावनी देने का कारण बनता है और यह à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निरंतर तकनीकी à¤à¤µà¤‚ वितà¥à¤¤à¥€à¤¯ हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ªà¥‹à¤‚ के परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प देश में बाघों की मृतà¥à¤¯à¥ से निपटने तथा बाघ संरकà¥à¤·à¤£ में किठगठपà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• लाठके लिठअपनाई जाने वाली पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं की सीमा को महतà¥à¤µ नहीं देता है।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ बाघ संरकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤°à¤£ के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प बाघों को विलà¥à¤ªà¥à¤¤ होने की कगार से लेकर उनकी संखà¥à¤¯à¤¾ में वृदà¥à¤§à¤¿ के à¤à¤• सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ पथ पर ले जाया गया है, जो वरà¥à¤· 2006, 2010, 2014 और 2018 में पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• चौथे वरà¥à¤· आयोजित होने वाले अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ बाघ गणना के निषà¥à¤•à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ में सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ हà¥à¤† है। इन परिणामों में बाघों की सकारातà¥à¤®à¤• वारà¥à¤·à¤¿à¤• वृदà¥à¤§à¤¿ दर 6% पर दरà¥à¤¶à¤¾à¤ˆ गई है, जिससे पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• रूप से हà¥à¤ नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ की पूरà¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ होती है और à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संदरà¥à¤ में यह पता चलता है कि बाघों को विचरण के लिठविसà¥à¤¤à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ सà¥à¤¤à¤° पर रहने वाले आवास उपलबà¥à¤§ होते हैं।
वरà¥à¤· 2012 से 2021 की अवधि के मधà¥à¤¯ यह देखा जा सकता है कि देश में पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वरà¥à¤· बाघों की औसत मृतà¥à¤¯à¥ 98 के आसपास है, जो सà¥à¤¦à¥ƒà¤¢à¤¼ वृदà¥à¤§à¤¿ दर दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दरà¥à¤¶à¤¾à¤ˆ गई बाघों की संखà¥à¤¯à¤¾ में वारà¥à¤·à¤¿à¤• बà¥à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संतà¥à¤²à¤¿à¤¤ हà¥à¤ˆ है। इसके अतिरिकà¥à¤¤, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ बाघ संरकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤°à¤£ ने अवैध शिकार पर काबू पाने के लिठपà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ टाइगर की चल रही केंदà¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‹à¤œà¤¿à¤¤ योजना के तहत कई कदम उठाठहैं, परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प अवैध शिकार को काफी हद तक नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया गया है, जैसा कि पà¥à¤·à¥à¤Ÿ हà¥à¤ अवैध शिकार और जबà¥à¤¤à¥€ के मामलों में देखा गया है।
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ बाघ संरकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤°à¤£ अपनी वेबसाइट के साथ-साथ अपने पोरà¥à¤Ÿà¤² - www.tigernet.nic.in के माधà¥à¤¯à¤® से नागरिकों को बाघों की मृतà¥à¤¯à¥ के आंकड़े उपलबà¥à¤§ कराने में पारदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ के उचà¥à¤šà¤¤à¤® मानकों को बनाठरखता है, ताकि लोग चाहें तो इनका तारà¥à¤•à¤¿à¤• मूलà¥à¤¯à¤¾à¤‚कन कर सकें।
समाचार रिपोरà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ में यह बताया गया है कि बाघों की मौत के 126 मामलों में से 60 बाघों की मृतà¥à¤¯à¥ शिकारियों, दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤“ं तथा संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के बाहर मानव-पशॠसंघरà¥à¤· के कारण हà¥à¤ˆ थी, जबकि बाघों की मौत होने का कारण बताने की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ में अनदेखी की गई थी।
इसके आलोक में, यहां पर इस बात का उलà¥à¤²à¥‡à¤– करना आवशà¥à¤¯à¤• है कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ बाघ संरकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤°à¤£ की à¤à¤• समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ मानक संचालन पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के माधà¥à¤¯à¤® से किसी बाघ की मौत होने का कारण बताने के लिठà¤à¤• सखà¥à¤¤ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥‹à¤•à¥‰à¤² है, जिसे अपà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• माना जाता है, जब तक कि संबंधित राजà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नेकà¥à¤°à¥‹à¤ªà¥à¤¸à¥€ रिपोरà¥à¤Ÿ, हिसà¥à¤Ÿà¥‹à¤ªà¥ˆà¤¥à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¤¿à¤•à¤² और फोरेंसिक आकलन के अलावा तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‹à¤‚ तथा परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤œà¤¨à¥à¤¯ साकà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करके साबित नहीं किया जाता है। इन दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ के बाद ही टाइगर रिजरà¥à¤µ के बाहर 60 बाघों की मौत के कारणों का पता लगाया जा सकता है।
यह आशा वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ की जाती है कि मीडिया, देश को उपरोकà¥à¤¤ तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से अवगत कराà¤à¤—ा ताकि कोई सनसनी न फैलने पाये और नागरिकों को यह विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ न हो कि यह चिंता का कोई कारण है।