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चीन के आरà¥à¤¥à¤¿à¤• गà¥à¤²à¤¾à¤® बनते जा रहे पाकिसà¥â€à¤¤à¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ इमरान खान डà¥à¤°à¥ˆà¤—न की धमकी से डर गठहैं और उनके इस कदम का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ अपने सहयोगी को मनाने के तौर पर देखा जा रहा है।ॉ पिछले साल 13 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को, खैबर पखà¥à¤¤à¥‚नखà¥à¤µà¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤‚त में दसू जलविदà¥à¤¯à¥à¤¤ परियोजना के कारà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤² पर ले जा रही à¤à¤• बस पर आतà¥à¤®à¤˜à¤¾à¤¤à¥€ हमले के बाद 10 चीनी नागरिक मारे गठथे, जिनमें जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° इंजीनियर थे और 26 अनà¥à¤¯ गंà¤à¥€à¤° रूप से घायल हो गठथे। à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ टà¥à¤°à¤¿à¤¬à¥à¤¯à¥‚न अखबार ने बताया कि वितà¥à¤¤ मंतà¥à¤°à¥€ शौकत तारिन की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ वाली पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की आरà¥à¤¥à¤¿à¤• समनà¥à¤µà¤¯ समिति (ईसीसी) इन चीनी पीड़ितों को à¤à¥à¤—तान की जाने वाली मà¥à¤†à¤µà¤œà¥‡ की रकम पर फैसला करेगी, जो 4.6 मिलियन अमरीकी डालर से शà¥à¤°à¥‚ होकर 20.3 मिलियन अमरीकी डालर तक होगी। दासू पनबिजली परियोजना के लिठविशà¥à¤µ बैंक पैसा दे रहा है और ये चीन-पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ आरà¥à¤¥à¤¿à¤• गलियारे (सीपीईसी) के दायरे में नहीं आता है। रिपोरà¥à¤Ÿ में कहा गया है कि मà¥à¤†à¤µà¤œà¥‡ के à¤à¥à¤—तान का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¿à¤ªà¤•à¥à¤·à¥€à¤¯ संबंधों में à¤à¤• बड़ी अड़चन को दूर करना है।
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