जोहान्सबर्ग- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परस्पर विश्वास विश्वास एवं पारदर्शिता के साथ ब्रिक्स देशों के बीच लचीली और समावेशी आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण के महत्व को रेखांकित किया तथा ब्रिक्स देशों से भारत की विकास यात्रा में सहभागी बनने का आह्वान किया।
श्री मोदी ने यहाँ ब्रिक्स बिजनेस फोरम के विचार-विमर्श के बाद उनके बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी-आधारित समाधानों सहित व्यापार करने में आसानी हेतु सुधार के लिए भारत द्वारा किए जा रहे विभिन्न सुधारों पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड ने लचीली और समावेशी आपूर्ति श्रृंखलाओं के महत्व पर प्रकाश डाला है और इसके लिए आपसी विश्वास और पारदर्शिता के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ब्रिक्स मिलकर वैश्विक कल्याण, विशेषकर ग्लोबल साउथ में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
उन्होंने कहा, “कोविड महामारी ने हमें टिकाऊ और समावेशी आपूर्ति श्रृंखला के महत्त्व को सिखाया है। इसके लिए आपसी विश्वास और पारदर्शिता बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। हम एक दूसरे की ताकतों को जोड़कर पूरे विश्व, खासतौर पर ग्लोबल साउथ के कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में बीते नौ वर्ष में उठाए गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी और कहा कि इन सभी प्रयासों का सामान्य जन के जीवन पर प्रत्यक्ष रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। पिछले नौ वर्षों में लोगों की आय में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है। भारत के आर्थिक विकास में महिलाओं की सशक्त भागीदारी रही है। आईटी से लेकर अंतरिक्ष तक, बैंकिंग से लेकर स्वास्थ्य तक, महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की प्रगति में योगदान दे रही हैं।
प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स व्यापार जगत के नेताओं को भारत की विकासात्मक यात्रा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, “भारत के लोगों ने 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लिया है। मैं आप सभी को भारत की विकास यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूँ।”