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ढाका- बंगलादेश के चटगांव, कॉक्स बाजार और बंदरबन जिलों में लगातार मूसलाधार वर्षा के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
बाढ़ पूर्वानुमान एवं चेतावनी केंद्र के अनुसार इसके बंदरबन जिला बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है, इसके बाद कॉक्स बाजार और चिटगांव जिलों में बाढ़ का भयानक प्रभाव देखने को मिला है। इनके साथ साथ फेनी जिले के कुछ इलाके भी बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए है।
चटगांव जिले के करीब 15 उपजिलों में बाढ़ आने से लाखों लोग फंस गए हैं। बंदरबन जिले की अग्निशमन सेवा और नागरिक सुरक्षा ने कहा कि पिछले तीन दिनों में जिले में भारी बारिश के कारण लगभग सौ पहाड़ियाँ ढह गई हैं। भूस्खलन में कई लोग घायल हो गए। एजेंसी ने इस प्राकृतिक आपदा की चपेट के आकर कम से कम दो लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गयी है। एक और मौत की सूचना मिली है लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है। हालांकि भूस्खलन की चपेट में आकर घायल हुई कई लोगों को प्राथमिक उपचार देकर भेज दिया गया है। कॉक्स बाजार जिले के चकोरिया उपजिला के अध्यक्ष फजलुल करीम सईदी ने कहा कि केवल उनके उपजिले में एक लाख से अधिक लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं। चटगांव-कॉक्स बाजार राजमार्ग के कुछ हिस्से जलमग्न होने के कारण बंदरबन जिला कट गया है। बंदरबन जिला प्रशासन के मुताबिक, पिछले तीन दिनों से इस जिले में बिजली और नेटवर्क आपूर्ति ठप है। यहां पिछले दो दिनों में रंगमती जिले में करीब 10-12 जगह भूस्खलन हुआ है, जिसमें कुछ घर क्षतिग्रस्त हो गये। चटगांव में बचाव अभियान जारी है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण चटगांव के कई इलाके पानी में डूब गए हैं। उपायुक्त अब्दुल बसर मोहम्मद फखरुज़्ज़मान ने कहा कि सभी 15 उपजिलें बाढ़ से प्रभावित हुए है। चिटगांव-कॉक्स बाजार और चिटगांव-बंदरबन राजमार्गों का सतकानिया खंड में पड़ने वाला लगभग पांच किलोमीटर हिस्सा बाढ़ के पानी में डूबा हुआ। इस राजमार्ग पर कुछ जगहों पर दो फीट से लेकर सात फीट तक पानी भरा हुआ है। सड़कों पर ट्रकों को छोड़ अन्य सभी गाडियों का आवागमन बंद है। बंदरबन जिला अग्निशमन सेवा के सहायक निदेशक पूर्ण चंद्र मुत्सुद्दी ने यूनीवार्ता को बताया कि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए इस जिले में कुल 191 आश्रय स्थल बनाये गये हैं। बचाव कार्यों और राहत कार्यों में सहायता के लिए सेना को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि लामा, रोवांगचारी, अलीकादम उपजिलों में भूस्खलन हुआ है। सड़क से मिट्टी और पेड़ हटाने का काम जारी है। पेकुआ सदर में लगभग 10 से 15 हजार लोग बाढ़ के पानी से घिरे हैं। बंगलादेश के मौसम विज्ञानी डॉ. मोहम्मद अबुल कलाम मलिक ने यूनीवार्ता को बताया कि देश में अगस्त के महीने में इन तरह की भारी बरसात सामान्य है और बंगलादेश में इससे पहले इससे भी अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। देश में सक्रिय मानसून के कारण खुलना-बारिसल-चटगांव-सिलहट बेल्ट में भारी वर्षा होने के आसार हैं। पेकुआ उपजिला के अध्यक्ष जहांगीर आलम ने कहा कि उनके उपजिला के कई क्षेत्र बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं, जिससे कॉक्स बाज़ार में लाखों लोग पानी में फंसे हुए हैं।
कॉक्स बाज़ार जिले के चकोरिया उपज़िला के अध्यक्ष फ़ज़लुल करीम सईदी ने कहा कि उनके उपज़िले के अधिकांश क्षेत्र पानी में डूबे हुए हैं। उन्होंने कहा कि करीब एक लाख लोग अभी भी बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं। उनके उपज़िले की 18 इलाके जलमग्न हैं, इनमें से 10 इलाकों की हालत बेहद खराब है। हालांकि, मंगलवार को जब तक जलस्तर नहीं बढ़ता, तब तक यह स्थिर रहेगा। श्री करीम ने कहा कि उपजिला की आंतरिक संचार प्रणाली ध्वस्त होने के कारण वे पानी में फंसे लोगों तक बाढ़ राहत नहीं पहुंचा पा रहे हैं। उन्होंने कहा, “ हमने उपजिला से 20 टन चावल दिया, लेकिन अध्यक्ष इसे वितरित नहीं कर सके क्योंकि चटगांव-कॉक्स बाजार राजमार्ग के दोहजारी, लोहागरा और अमीराबाद सहित कुछ इलाकों में पानी बढ़ गया है जिससे यातायात भी बंद हो गया है।” श्री फख्रुज्जमां ने कहा, “लोहगरा उपजिला की नौ इलाकों में बाढ़ आ गई है और चंदनीश की छह इलाकों में बाढ़ आ गई है जिससे कई लोग पानी में फंस गए हैं।” सतकनिया और लोहगरा उपजिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों को बचाने के लिए सेना तैनात की गई है और उन्होंने पहले ही काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा, पर्याप्त संख्या में नावों की कमी के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है। उपायुक्त ने कहा कि रौजन और लोहागरा में डूबने से एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि बंदरबन का अन्य जिलों से सड़क संपर्क टूट गया है। बिजली के खंबे उकड़ जाने से और तार टूटने से पिछले तीन दिनों से बिजली नहीं है। इसके अलावा, अधिकांश क्षेत्रों में मोबाइल फोन नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्शन भी काट दिया गया है। अग्निशमन सेवा ने कहा कि सदर उपजिला का 10 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न है। करीब तीन हजार घर भी जलमग्न हैं।
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