यांगून - मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार की सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ à¤à¤¡à¤®à¤¿à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨
काउंसिल ने वेसाक दिवस के अवसर पर बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को 2153 कैदियों को
कà¥à¤·à¤®à¤¾à¤¦à¤¾à¤¨ दिये जाने की घोषणा की।
काउंसिल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जिन कैदियों को दंड संहिता की
धारा 505 (à¤) के तहत उकसाने का दोषी ठहराया गया है, केवल उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ही
बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को कà¥à¤·à¤®à¤¾ किया धारा 505 (à¤) दंड संहिता
à¤à¤• सरकारी करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ के खिलाफ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· या अपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· अपराध, डर पैदा करने, à¤à¥‚ठी खबरें
फैलाने और आंदोलन करने पर रोक लगाती है।
बयान के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार कैलेंडर के कसोन चंदà¥à¤° मास की पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ ‘वेसाक दिवस’ पर कैदियों की
रिहाई लोगों के मन की शांति और मानवीय आधार पर की गयी है। मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार ने 17
अपà¥à¤°à¥ˆà¤² को अपने पारंपरिक नव वरà¥à¤· को चिहà¥à¤¨à¤¿à¤¤ करने के लिठ3,000
से अधिक कैदियों को कà¥à¤·à¤®à¤¾à¤¦à¤¾à¤¨ दिया था।