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पिछले कà¥à¤› महीनों में अमेरिका के नेतृतà¥à¤µ में कई लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• देश à¤à¤• संयà¥à¤•à¥à¤¤ मंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि रूसी आकà¥à¤°à¤®à¤£ à¤à¥‡à¤² रहे यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ की मदद की जा सके।
ये देश रूस पर सामूहिक दबाव बनाने की कोशिशों के अलावा चीन की कूटनीतिक कोशिशों पर à¤à¥€ नजर बनाठहà¥à¤ हैं। खासकर चीन की उन कोशिशों पर, जिसके जरिठवो अपनी ही तरह के पà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¥à¤µà¤µà¤¾à¤¦à¥€ देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने में लगा है।
इस साल फरवरी में जब से रूस ने यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ पर आकà¥à¤°à¤®à¤£ किया है, पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ देश रूस को सैनà¥à¤¯ सहायता देने को लेकर चीन को लगातार चेतावनी दे रहे हैं।
इस हफà¥à¤¤à¥‡, कà¥à¤› वरिषà¥à¤ अमेरिकी अधिकारियों ने रॉयटरà¥à¤¸ नà¥à¤¯à¥‚ज à¤à¤œà¥‡à¤‚सी को बताया कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· रूप से नहीं देखा है कि चीन ने रूस को किसी तरह की कोई सैनà¥à¤¯ या आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सहायता दी है। इसके बावजूद, चीन की सरकार यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ में रूसी गतिविधियों की निंदा करने को तैयार नहीं है।
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