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यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨-रूस यà¥à¤¦à¥à¤§ के बीच जब लगà¤à¤— सà¤à¥€ बड़े देश रूस से आयातित तेल और पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• गैस पर अपनी निरà¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ कम करते जा रहे हैं, इसी बीच में मारà¥à¤š महीने में à¤à¤¾à¤°à¤¤ में रूस से तेल के आयात में चार-गà¥à¤¨à¤¾ वृदà¥à¤§à¤¿ हो गयी है। इसका कारण है, रूस à¤à¤¾à¤°à¤¤ को अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ दामों की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में बहà¥à¤¤ ससà¥à¤¤à¥‡ दामों पर तेल दे रहा है। सबसे आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ तो यह है कि जिस दिन à¤à¤¾à¤°à¤¤ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रूस से ससà¥à¤¤à¥‡ दामों में तेल खरीदने का समाचार आया, उसके दो दिनों बाद से देश में पेटà¥à¤°à¥‹à¤² और डीजल के दामों में बेतहाशा वृदà¥à¤§à¤¿ होने लगी है और रसोई गैस के दामों में सीधे 50 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सिलिंडर की वृदà¥à¤§à¤¿ की à¤à¥€ घोषणा होने लगी। जाहिर है, मोदी राज में ससà¥à¤¤à¥‡ तेल को खरीद कर उसे बेतहाशा कीमतों पर बेचने का पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ फारà¥à¤®à¥‚ला फिर से लागू कर दिया गया है। इस फारà¥à¤®à¥‚ला पर लगाम केवल सतà¥à¤¤à¤¾ को हड़पने के लिठही कà¥à¤› दिनों के लिठलगाया जाता है।
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