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रूस और यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ के बीच बातचीत आसान नहीं है, लेकिन समà¤à¥Œà¤¤à¥‡ की कà¥à¤› उमà¥à¤®à¥€à¤¦ है। रूस के विदेश मंतà¥à¤°à¥€ सरà¥à¤—ेई लावरोव ने यह बात कही है। आरटी की रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, लावरोव ने आरबीसी के साथ à¤à¤• साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° में कहा, "मैं हमारे वारà¥à¤¤à¤¾à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिठगठआकलन से निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤¤ हूं। वे कहते हैं कि बातचीत सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ कारणों से अचà¥à¤›à¥€ नहीं चल रही है।"हालांकि, उनके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° समà¤à¥Œà¤¤à¤¾ होने की कà¥à¤› उमà¥à¤®à¥€à¤¦ है। रूसी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤®à¤‚डल के पà¥à¤°à¤®à¥à¤–, वà¥à¤²à¤¾à¤¦à¤¿à¤®à¥€à¤° मेडिंसà¥à¤•à¥€ ने कहा कि कीव के साथ बातचीत में रूस का लकà¥à¤·à¥à¤¯ नहीं बदला है - मासà¥à¤•à¥‹ को à¤à¤• शांतिपूरà¥à¤£, सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°, तटसà¥à¤¥ और सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ की जरूरत है और आने वाली 'पीढ़ियों के लिठसमà¤à¥Œà¤¤à¥‡' की जरूरत है।
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