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यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ में फंसे 242 à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नागरिकों को लेकर à¤à¤• विशेष विमान पोलैंड से इंदिरा गांधी अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ हवाई अडà¥à¤¡à¥‡ पर पहà¥à¤‚चा। यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ से वापस लौटे à¤à¤• छातà¥à¤° ने कहा कि वहां पर हमें बहà¥à¤¤ कठिनाई हà¥à¤ˆà¤‚, खाने-पीने में दिकà¥à¤•à¤¤ थी और बिजली à¤à¥€ नहीं था। हम बंकर में रहते थे, दूतावास ने हमारी बहà¥à¤¤ मदद की। हम à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार को धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ करते हैं उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हमें वहां से निकाला। वापस आकर बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ लग रहा है।यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ से वापस लौटी à¤à¤• छातà¥à¤°à¤¾ ने कहा कि हम वापस अपने देश आकर बहà¥à¤¤ खà¥à¤¶ हैं, वहां की हालत अà¤à¥€ खराब है। हम à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार को धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ करते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हमारे बारे में सोचा और बिना मांगे इतना कà¥à¤› किया।
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