संचार मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ के दूरसंचार विà¤à¤¾à¤— के अंतरà¥à¤—त टेलीकमà¥à¤¯à¥‚निकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (टीईसी) ने उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾ इंटरनेट ऑफ थिंगà¥à¤¸ (आईओटी) उपकरणों को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ करने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से वैशà¥à¤µà¤¿à¤• मानकों à¤à¤µà¤‚ सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® पà¥à¤°à¤¥à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤°à¥‚प à¤à¤• आधारà¤à¥‚त आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ के रूप में “कोड ऑफ पà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ फॉर सेकà¥à¤¯à¥‹à¤°à¤¿à¤‚ग कंजà¥à¤¯à¥‚मर इंटरनेट ऑफ थिंगà¥à¤¸ (आईओटी)†नाम की à¤à¤• रिपोरà¥à¤Ÿ जारी की है। ये दिशानिरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾ आईओटी उपकरणों à¤à¤µà¤‚ इकोसिसà¥à¤Ÿà¤® को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ करने के साथ-साथ इससे संबंधित कमजोरियों के पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन में मदद करेंगे। यह रिपोरà¥à¤Ÿ आईओटी उपकरणों के निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾à¤“ं, सेवा पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾à¤“ं / सिसà¥à¤Ÿà¤® इंटीगà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¤°à¥à¤¸ और à¤à¤ªà¥à¤²à¤¿à¤•à¥‡à¤¶à¤¨ डेवलपरà¥à¤¸ आदि के उपयोग के लिठहै।
इंटरनेट ऑफ थिंगà¥à¤¸ (आईओटी) दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में बेहद तेजी से उà¤à¤°à¤¤à¥€ हà¥à¤ˆ तकनीकों में से à¤à¤• है, जोकि समाज, उदà¥à¤¯à¥‹à¤— और उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤“ं के लिठवà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ अवसर पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती है। इस तकनीक का उपयोग कनेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¡ उपकरणों की सहायता से बिजली, मोटर वाहन, सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ निगरानी, दूरसà¥à¤¥ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन, कृषि, सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ होम और सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ सिटी आदि जैसे विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ ढांचे के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में किया जा रहा है। सेंसर, संचार पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकियों (सेलà¥à¤²à¤° और गैर-सेलà¥à¤²à¤°), à¤à¤†à¤ˆ/à¤à¤®à¤à¤², कà¥à¤²à¤¾à¤‰à¤¡/à¤à¤œ कंपà¥à¤¯à¥‚टिंग इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ जैसी विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकियों में हालिया पà¥à¤°à¤—ति से आईओटी लाà¤à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤ˆ है।
अनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, वरà¥à¤· 2026 तक वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर 26.4 बिलियन आईओटी उपकरण उपयोग में लाठजा सकते हैं। इसमें से लगà¤à¤— 20 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ उपकरण सेलà¥à¤²à¤° पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकियों पर आधारित होंगे। उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾ और उदà¥à¤¯à¤® आईओटी उपकरणों का अनà¥à¤ªà¤¾à¤¤ 45 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤:55 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ का हो सकता है।
दूरसंचार विà¤à¤¾à¤— (डीओटी) दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जारी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ डिजिटल संचार नीति (à¤à¤¨à¤¡à¥€à¤¸à¥€à¤ªà¥€) 2018 के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, वरà¥à¤· 2022 तक पांच बिलियन कनेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¡ उपकरणों के लिठà¤à¤• इकोसिसà¥à¤Ÿà¤® बनाया जाना है। इसलिà¤, यह उमà¥à¤®à¥€à¤¦ की जाती है कि वरà¥à¤· 2022 तक à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पांच बिलियन का लगà¤à¤— 60 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ यानी तीन बिलियन कनेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¡ उपकरण मौजूद हो सकते हैं।
आईओटी उपकरणों की पूरà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ वृदà¥à¤§à¤¿ को देखते हà¥à¤, यह सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करना आवशà¥à¤¯à¤• है कि आईओटी से जà¥à¥œà¥‡ अंतिम बिंदॠसंरकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ संबंधी मानकों तथा दिशानिरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ का पालन करें ताकि उपयोगकरà¥à¤¤à¤¾à¤“ं और इन आईओटी उपकरणों को जोड़ने वाले नेटवरà¥à¤• की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ की जा सके। दैनिक जीवन में उपयोग किठजा रहे उपकरणों / नेटवरà¥à¤• की हैकिंग से कंपनियों, संगठनों, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ और इन सबसे à¤à¥€ ऊपर आम लोगों को नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ होगा। इसलिà¤, आईओटी इकोसिसà¥à¤Ÿà¤® को à¤à¤‚ड-टू-à¤à¤‚ड यानी उपकरणों से लेकर अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—ों तक सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ करना बेहद महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ होगा।
दूरसंचार विà¤à¤¾à¤— के अंतरà¥à¤—त टेलीकमà¥à¤¯à¥‚निकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (टीईसी) विविध हितधारकों के साथ à¤à¤¾à¤—ीदारी करते हà¥à¤ आईओटी के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में काम कर रहा है और इसने सोलह तकनीकी रिपोरà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ जारी की हैं (https://tec.gov.in/M2M-IoT-technical-reports)।