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होली आने वाली है। या आ ही गई है, लेकिन उससे पहले ही पांच राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के नतीजे आ गठहैं। जिनके चेहरों पर विजय का गà¥à¤²à¤¾à¤² मला जा चà¥à¤•à¤¾ है, वे सारे राजनीतिक दल रंगीन ठंडाई छान-छून कर à¤à¤¾à¤‚गड़ा कर रहे हैं। जो लोग हार चà¥à¤•à¥‡ हैं, उनकी होली को तो बदरंग होना ही है और वह हो à¤à¥€ गई है। à¤à¤¸à¥‡ सà¤à¥€ उमà¥à¤®à¥€à¤¦ के मारों के पास पांच साल की पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ के सिवा कोई विकलà¥à¤ª शेष नहीं बचा है। ये सà¤à¥€ à¤à¥‚तपूरà¥à¤µ पराजित पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¥€ सोच रहे हैं कि जिस तरह पिछले इतने सारे साल ‘अचà¥à¤›à¥‡ दिन’ के आने के इंतजार में काट लिठहै, वैसे ही अगले पांच साल à¤à¥€ कट ही जाà¤à¤‚गे। बà¥à¤°à¥‡ दिन जलà¥à¤¦à¥€ पीछा नहीं छोड़ते हैं और अचà¥à¤›à¥‡ दिन हैं कि कà¤à¥€ आने का नाम नहीं लेते हैं। हो सकता है, कà¤à¥€ आ ही जाà¤à¤‚ और जब आ जाà¤à¤‚गे, तब शायद इनके आंगन में à¤à¥€ à¤à¤•-न- à¤à¤• दिन होली का रंग जरूर बरसेगा और à¤à¤®à¤¾à¤à¤® बरसेगा। अà¤à¥€ तो इन सबकी ‘खाठगोरी का यार, बलम तरसे, रंग बरसे’ वाली गà¥à¤°à¤¹à¤¦à¤¶à¤¾ ही चल रही है।विजय-गति को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर चà¥à¤•à¤¾ à¤à¤• नेता कहता है, ‘तà¥à¤® सबने मेरे पकà¥à¤· में मतदान किया है और मà¥à¤à¥‡ सतà¥à¤¤à¤¾ की गà¥à¤à¤¿à¤¯à¤¾ खिलाई है, तो मेरा à¤à¥€ करà¥à¤¤à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ बनता है कि मैं à¤à¥€ तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ थाली में अनà¥à¤¨ के कà¥à¤› दाने बराबर डालता रहूं। बिना दाना डाले, तो चिड़िया à¤à¥€ नहीं फंसती है। सोचो à¤à¥€, होली हर साल आà¤à¤—ी और चà¥à¤¨à¤¾à¤µ à¤à¥€ बराबर आते ही रहेंगे। हमको फिर- फिर टिकटारà¥à¤¥à¥€ बनना होगा, तो तà¥à¤® जैसे लाà¤à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की जरूरत बनी ही रहनी है। हमने तो यह à¤à¥€ सोच रखा है कि हम à¤à¤²à¥‡ ही अपने वोटरों को सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯, शिकà¥à¤·à¤¾ और रोजगार नहीं देंगे लेकिन उनकी रसोई में लाà¤à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ छाप नमक का पैकेट डालकर उनकी होली को रंगीन बनाते रहेंगे।’ जनता à¤à¥€ सोचती है कि आज के समय में मां के दूध का करà¥à¤œ चà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥‡ से अचà¥à¤›à¤¾ है कि वह करà¥à¤œ में डूबे रहकर à¤à¥€ जिसने नमक खिलाया है, पहले à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤µ से उसका हक अदा करे। उसने कर दिया है।
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