समाचार ब्यूरो
08/03/2022  :  18:51 HH:MM
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भारतीय संस्कृति की 'धरोहर' भारत-रत्न लता मंगेशकर जी को समर्पित सांस्कृतिक संध्या “लता स्वरांजलि”
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस-2022 की पूर्व संध्या पर “Gender Equality Today For a Sustainable Tomorrow” के तहत नारी शक्ति को समर्पित, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) के संयुक्त तत्वावधान में, भारतीय संस्कृति की 'धरोहर' स्वरसाम्राज्ञी भारत-रत्न लता मंगेशकर जी को समर्पित ‘सांस्कृतिक संध्या’ “लता स्वरांजलि” का आयोजन, सी.एम.एस. ऑडिटोरियम, विशाल खंड–02, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया lहेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल नेसंस्कृति मंत्रालयभारत सरकार à¤à¤µà¤‚ उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) प्रयागराज à¤•à¥‹ कार्यक्रम आयोजन में सहयोग प्रदान करने हेतु धन्यवाद देते हुएकहा किस्वरकोकिला भारत-रत्न लता मंगेशकर जी एक ऐसी शख्सियत थींजिन्होंने संगीत की दुनिया में वो नाम कमाया जो हर किसी के बस की बात नहीं l उन्होंने कहाकि भारतीय संस्कृति की 'धरोहर', भारत-रत्न लता मंगेशकर जी à¤†à¤œ हमारे बीच नहीं हैंपरन्तु उनके गाये हुए गीत कभी भुलाये नहीं जा सकते l लता जी ने गीतों को अपने स्वर देकर सदा के लिए अमर कर दिया Iश्रीमती डॉ० रूपल अग्रवाल ने बताया कि, "अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस" जश्न है महिला सशक्तिकरण कासमाज में व्याप्त कुप्रथाओं पर हर महिला की जीत का एवं उनके आत्मविश्वास व आत्मसम्मान का à¤‡à¤¸ वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम है â€˜Gender Equality Today For A Sustainable Tomorrow’ à¤…र्थात बेहतर कल के लिए स्त्री व पुरुष में समानता ज़रूरी है à¤†à¤œ महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में आगे हैं तथा इसका जीता-जागता उदाहरण हम इस कार्यक्रम में देख सकते हैंजहां विभिन्न क्षेत्रों में अपने कार्यकौशल का परचम लहराने वाली गणमान्य महिलाएं हमारे बीच उपस्थित हैं, à¤ªà¤° इन्हें अपनी मंज़िल को पाने में पुरुष प्रधान समाज का सामना करना पड़ा à¤¸à¤®à¤¾à¤œ की गन्दी सोच व कुत्षित विचारों से लड़ना पड़ा à¤¹à¤®à¤¾à¤°à¤¾ देश सतयुग से à¤•à¤²à¤¯à¥à¤— à¤¤à¤• का सफर तय कर चुकासब कुछ Advanced à¤à¤µà¤‚ नई तकनीक का हो गया पर सिर्फ एक चीज़ नहीं बदली और वह है महिलाओं के लिए संकुचित सोच जो कदम - कदम पर हमें यह एहसास दिलाती है कि आज भी हमें हर कदम पर अपने आपको साबित करना है घर पर भी व कार्यक्षेत्र में भी l महिला à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ मनाने का सही उद्देश्य तभी पूरा होगा जब बिना किसी रोक-टोक के हर महिला अपने सपनों की उड़ान भर सकेगी l 






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