समाचार ब्यूरो
22/02/2022  :  10:30 HH:MM
राष्ट्रपति के बेड़े की समीक्षा के दौरान भारतीय नौसेना ने स्वदेशी उपलब्धियों का प्रदर्शन किया
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माननीय राष्ट्रपति और भारत के सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर श्री राम नाथ कोविंद ने 21 फरवरी, 22 को विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना के बेड़े की समीक्षा की। 'राष्ट्र की सेवा में 75 वर्ष' विषय पर भारतीय नौसेना ने बेड़ा समीक्षा (फ्लीट रिव्यू) के 12वें संस्करण के दौरान स्वदेशी रूप से निर्मित अपने नवीनतम अत्याधुनिक लड़ाकू प्लेटफॉर्म का प्रदर्शन किया। इसे 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत मनाए जा रहे भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के रूप में आयोजित किया गया था।

21 तोपों की सलामी और औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर के बाद राष्ट्रपति स्वदेश में निर्मित नौसेना अपतटीय गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा, à¤œà¤¿à¤¸à¥‡ राष्ट्रपति यॉट के रूप में नामित किया गया है उस पर सवार हुए। माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर. हरि कुमार ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। यॉट ने नौसेना, à¤¤à¤Ÿà¤°à¤•à¥à¤·à¤• बल, à¤à¤¸à¤¸à¥€à¤†à¤ˆ और एमओईएस के 44 जहाजों को पहले विदा किया, à¤œà¥‹ विशाखापत्तनम के लंगर में चार कॉलम में पंक्तिबद्ध थे। इस पूरे प्रदर्शन में देश की समुद्री ताकत का प्रदर्शन दिखा। बेड़े की स्थैतिक (स्थिर) निरीक्षण के तहत शानदार फ्लाईपास्ट आयोजित किया गया। समीक्षा के अंतिम चरण में युद्धपोतों और पनडुब्बियों के एक मोबाइल कॉलम ने राष्ट्रपति की नौका के साथ हाई-स्पीड स्टीम पास्ट किया। जहाजों की परेड, à¤¸à¤®à¥à¤¦à¥à¤° में खोज और बचाव प्रदर्शन द्वारा कई रोमांचकारी वॉटरफ्रंट गतिविधियां à¤¹à¥‰à¤• एयरक्राफ्ट द्वारा एरोबेटिक्स और एलीट मरीन कमांडो (एमएआरसीओएस) द्वारा वॉटर पैरा जंप ने मेहमानों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

राष्ट्रपति की नौका जैसे ही समीक्षा स्तंभों के बीच से गुजरी प्रत्येक जहाज ने पूरे राजसी सजावट जो अपने जहाज की कंपनी द्वारा संचालित होती है उसने देश और सर्वोच्च कमांडर के प्रति बिना शर्त निष्ठा के प्रदर्शन में पारंपरिक "तीन प्रतीकों (थ्री जैस)" के साथ राष्ट्रपति को सलामी दी।

माननीय राष्ट्रपति ने चेतक, à¤à¤à¤²à¤à¤š, à¤¸à¥€ किंग्स, à¤•à¥‡à¤à¤à¤®à¤“वी, à¤¡à¥‹à¤°à¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤°à¥à¤¸, à¤†à¤ˆà¤à¤²-38 एसडी, à¤ªà¥€81, à¤¹à¥‰à¤•à¥à¤¸ और मिग 29 के सहित 55 विमानों द्वारा समग्र फ्लाईपास्ट के करतब देखे।

निरीक्षण के दौरान बेड़े को संबोधित करते हुए माननीय राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय नौसेना की निरंतर सतर्कता, à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤“ं पर त्वरित प्रतिक्रिया और अथक प्रयास समुद्र और समुद्री जनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अत्यधिक सफल रहे हैं जो हमारे व्यापार और ऊर्जा जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण हैं। राष्ट्रपति ने भारतीय नौसेना के तेजी से आत्मनिर्भर होने और 'मेक इन इंडिया' à¤ªà¤¹à¤² में सबसे आगे होने पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि देश भर के विभिन्न सार्वजनिक और निजी शिपयार्डों में निर्माणाधीन कई युद्धपोतों और पनडुब्बियों की लगभग 70 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी है। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि भारत ने परमाणु पनडुब्बियां बनाई हैं और जल्द ही हमारे पास स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत 'विक्रांत' à¤¸à¥‡à¤µà¤¾ में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि स्वदेशी नौसैनिक जहाज निर्माण क्षमताओं का विकास 'आत्मनिर्भर भारत' à¤•à¥‡ निर्माण में प्रभावशाली योगदान है। (निरीक्षण के दौरान माननीय राष्ट्रपति द्वारा दिए गए संबोधन की पूरी प्रतिलिपि संलग्न है)।

निरीक्षण के बाद माननीय राष्ट्रपति ने रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और संचार राज्य मंत्री श्री देवुसिंह जे चौहान की उपस्थिति में विशेष प्रथम दिवस कवर और स्मारक डाक टिकट जारी किया।






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