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हम जनजातीय समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के योगदान, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से à¤à¥à¤²à¤¾ दिया गया है, को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करने, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सकà¥à¤·à¤® बनाने की दिशा में काम करने तथा यह सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करने के लिठकि 705 जनजातीय समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚, जो हमारी जनसंखà¥à¤¯à¤¾ के लगà¤à¤— 10 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ हैं, की विरासत, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की सही पहचान दिलाने के लिठà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§ हैं: शà¥à¤°à¥€ जी किशन रेडà¥à¤¡à¥€ देश का सबसे बड़ा चार दिवसीय जनजातीय मेला समà¥à¤®à¤¾à¤•à¥à¤•à¤¾ सरलमà¥à¤®à¤¾ जतारा पारंपरिक उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ और जोश के साथ मनाठजाने के बाद कल संपनà¥à¤¨ हो गया। इसे जनजातीय समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ के सबसे बड़े मेलों में से à¤à¤• माना जाता है। इस वरà¥à¤· यह à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° 16 फरवरी, 2022 को हजारों à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की à¤à¤¾à¤—ीदारी के साथ तेलंगाना के मà¥à¤²à¥à¤—ॠजिले के मेदाराम गांव में à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• उतà¥à¤¸à¤µ आरंठहà¥à¤†à¥¤ सदियों पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ परंपरा के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, जनजातीय पà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने चिलकालगà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¾ जंगल और मेदारम गांव में विशेष पूजा की। à¤à¤•à¥à¤¤ जनजातीय देवताओं की पूजा करते हà¥à¤ सड़क की परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ करते रहे और देवी-देवताओं को गà¥à¤¡à¤¼ चढ़ाने के लिठनंगे पांव चलते रहे।
केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ और पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° विकास (डोनर) मंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ जी किशन रेडà¥à¤¡à¥€ ने जारी समà¥à¤®à¤•à¥à¤•à¤¾-सरलमà¥à¤®à¤¾ मेदारम जतारा का दौरा किया और देवी समà¥à¤®à¤•à¥à¤•à¤¾ और सरलमà¥à¤®à¤¾ की पूजा की। केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ के साथ जनजातीय मामलों की राजà¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ रेणà¥à¤•à¤¾ सिंह à¤à¥€ थीं।
अपनी यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान, शà¥à¤°à¥€ जी किशन रेडà¥à¤¡à¥€ ने परंपरा के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, अपने वजन के बराबर गà¥à¤¡à¤¼, जिसे लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ रूप से 'बंगाराम' (सोना) के रूप में à¤à¥€ जाना जाता है, की à¤à¥‡à¤‚ट चढ़ाई। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, "मैं à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लोगों के लिठसमà¥à¤®à¤•à¥à¤•à¤¾ और सरलमà¥à¤®à¤¾ अमà¥à¤®à¤¾à¤µà¤¾à¤°à¥à¤²à¥ का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ चाहता हूं। यह तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° और à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की मणà¥à¤¡à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और लोकाचार का उदाहरण है। समà¥à¤®à¤•à¥à¤•à¤¾ और सरकà¥à¤•à¤¾ का जीवन और अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ तथा अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° के विरूदà¥à¤§ उनकी लड़ाई हम सà¤à¥€ को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करती है और यह अनà¥à¤•à¤°à¤£ योगà¥à¤¯ है।
केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा, “समà¥à¤®à¤•à¥à¤•à¤¾ सरलमà¥à¤®à¤¾ मेदाराम जतारा विशà¥à¤µ के सबसे बड़े जनजातीय तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है और सरकार इसे हर संà¤à¤µ सहायता पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर रही है। हाल ही में, à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने इस तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° को मनाने के लिठजनजातीय मामलों के मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ और परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ के माधà¥à¤¯à¤® से कà¥à¤² 2.5 करोड़ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ जारी किà¤à¥¤ 2014 के बाद से à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार के परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ ने आतिथà¥à¤¯ योजना सहित घरेलू पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° और पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° के तहत तेलंगाना राजà¥à¤¯ में कई तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को मनाने के लिठ2.45 करोड़ जारी किठहैं।
केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा, “मेदाराम जतारा जनजातीय संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परंपरा का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶ दरà¥à¤¶à¤¨ योजना के à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¥‡ के रूप में, परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ ने मà¥à¤²à¥à¤—à¥, लकनावरम, मेदावरम, तड़वई, दमरवी, मलà¥à¤²à¥‚र और बोगाथा जलपà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¤à¥‹à¤‚ के जनजातीय सरà¥à¤•à¤¿à¤Ÿ को विकसित करने के लिठपरियोजनाà¤à¤‚ शà¥à¤°à¥‚ की और मेदाराम में à¤à¤• अतिथि गृह का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया। à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने तेलंगाना में जनजातीय सरà¥à¤•à¤¿à¤Ÿ के लिठलगà¤à¤— 80 करोड़ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ मंजूर किठऔर इसमें परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ केंदà¥à¤°, à¤à¤®à¥à¤«à¥€à¤¥à¤¿à¤à¤Ÿà¤°, सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚, कॉटेज, टेंट आवास, गज़ेबो, बैठने की बेंच, ठोस अपशिषà¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन अवसंरचना, सौर लाइट, मेदारम में à¤à¥‚-दृशà¥à¤¯ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ तथा पीने के पानी के फवà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ शामिल हैं। मà¥à¤²à¥à¤—ॠमें 45 करोड़ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की लागत से जनजातीय विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ का काम शà¥à¤°à¥‚ हो गया है और इसे जलà¥à¤¦ ही पूरा कर लिया जाà¤à¤—ा।â€
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