समाचार ब्यूरो
02/02/2022  :  11:48 HH:MM
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने 2022 के बजट को समावेशी, भविष्योन्मुखी और आकांक्षाओं भरा बताया
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केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय बजट-2022 की सराहना करते हुए इसे समावेशी, भविष्योन्मुखी और आकांक्षाओं भरा बताया है जिसने अगले 25 वर्षों के अमृत काल की नींव रखी है। शिक्षा मंत्री ने वित्त वर्ष 2022-23 में शिक्षा मंत्रालय को 104277.72 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड बजटीय आवंटन की सराहना की। उन्होंने कहा कि बजटीय आवंटन में 11.86% की वृद्धि देखने को मिली है जो कि वित्त वर्ष 2021-22 से 11053.41 करोड़ रुपये ज्यादा है।

वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस बजट में कई सीधे हस्तक्षेप किए गए हैं जैसे - डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा, विदेशी विश्वविद्यालयों को गिफ्ट सिटी में पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति, देश-स्टैक ई-पोर्टल का शुभारंभ और उद्योग की ज़रूरतों के साथ कौशल योग्यता ढांचे को अलाइन करना। इन हस्तक्षेपों से देश में शिक्षा और स्किलिंग इकोसिस्टम में सुधार और मजबूती आएगी।

श्री प्रधान ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सार्वभौमिक बनाने के मंत्रालय के प्रयासों पर रेखांकित किया, जिसे एक डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना और पीएम ई-विद्या के वन क्लास-वन टीवी चैनल कार्यक्रम के 12 से 200 टीवी चैनलों तक विस्तार से मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस डिजिटल विश्वविद्यालय को देश के सर्वश्रेष्ठ सरकारी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के सहयोग से एक नेटवर्क हब-स्पोक मॉडल पर बनाया जाएगा और ये देश भर के छात्रों को उनके दरवाजे पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में विश्व स्तरीय गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक शिक्षा तक पहुंच प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि वन क्लास-वन टीवी चैनल कार्यक्रम के विस्तार से सभी राज्य कक्षा 1 से 12 के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में गुणवत्तापूर्ण पूरक शिक्षा प्रदान करने में सक्षम होंगे।

बजट 2022 में घोषणा की गई है कि विज्ञान और गणित में 750 वर्चुअल लैब,और सिम्युलेटेड लर्निंग एनवायर्नमेंट के साथ स्किल प्रदान करने के लिए 75 ई-प्रयोगशालाएं 2022-23 में स्थापित की जानी हैं।

सभी बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुगम करने के लिए तकनीक का व्यापक इस्तेमाल बहुत महत्वपूर्ण होगा। टीचिंग लर्निंग प्रोसेस में तकनीक का एकीकरण भविष्य में गेम-चेंजर साबित होगा क्योंकि ये शिक्षकों को सशक्त करेगा, उन्हें स्वायत्तता प्रदान करेगा और नवीन शिक्षण को बढ़ावा देगा जिससे अंततः बच्चों के सीखने के परिणामों में सुधार होगा। शिक्षकों को तकनीकी उपकरणों के साथ परिचित और व्यावहारिक होना जरूरी है। इस मकसद से और उनकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए, शिक्षकों को विभिन्न भाषाओं और विभिन्न विषयों में गुणवत्तापूर्ण ई-सामग्री विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि कोई भी शिक्षक या छात्र कहीं से भी इस सामग्री तक पहुंच सके और लाभान्वित हो सके। सशक्त शिक्षकों और जिज्ञासु छात्रों को सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण ई-सामग्री के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक प्रतिस्पर्धी तंत्र बनाया जाएगा।

सीखने के लिए प्रेरक माहौल और सीखने के लिए उपयुक्त संसाधनों को सुनिश्चित करने के लिए सभी बोली जाने वाली भाषाओं में डिजिटल शिक्षकों की अवधारणा विकसित की जाएगी। नवीन शिक्षण प्रारूपों में 'लर्नर फेसिंग ई-कंटेंट' विकसित किया जाएगा ताकि सारी सामग्री तमाम उपकरणों के साथ सुसंगत हो, यानी एक ही सामग्री को ऑनलाइन, टीवी और रेडियो पर एक साथ उपलब्ध कराया जा सके। जैसे कि हम अपनी स्वतंत्रता का 75वां वर्ष मना रहे हैं और 21वीं सदी के कौशलों से युक्त भविष्य की पीढ़ी निर्मित करने के लिए तत्पर हैं, ऐसे में सभी भाषाओं में और सभी संभावित डिजिटल मोड्स (इंटरनेट-आधारित, मोबाइल-आधारित, टीवी, रेडियो) के जरिए डिजिटल शिक्षक तमाम शिक्षार्थियों के लिए उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से परे उच्चतम गुणवत्ता वाली शिक्षा तक एक-बराबर पहुंच सुनिश्चित करेंगे। ये डिजिटल शिक्षक की अवधारणा डिजिटल रूप से सशक्त समाज बनाने में भी मदद करेगी।

डिजिटल शिक्षा के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने के संबंध में मंत्री महोदय ने बजट 2022 में ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की घोषणा पर जोर देने का भी स्वागत किया। इस कार्यक्रम के तहत उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्रों में गांवों के लिए शैक्षिक चैनलों और दूरदर्शन तक डीटीएच एक्सेस प्रदान की जाएगी।

इस सेक्टर की पूरी संभावना को भुनाने के लिए एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) प्रमोशन टास्क फोर्स की स्थापना की घोषणा भी एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। इस उद्योग को बढ़ावा देने के अलावा, येअनुभवात्मक लर्निंग में भी मदद करेगा।

इसी प्रकार विभिन्न क्षेत्रों में मौजूदा पांच शैक्षणिक संस्थानों को शहरी नियोजन में 'उत्कृष्टता के केंद्रों' के रूप में विकसित करने का निर्णय एक बहुत भविष्योन्मुखी कदम है। इन केंद्रों को शहरी नियोजन और डिजाइन में भारत के विशिष्ट ज्ञान के विकास के लिए 250 करोड़ रुपये की बंदोबस्ती निधि प्रदान की जाएगी। एआईसीटीई अन्य संस्थानों में पाठ्यक्रम व गुणवत्ता को बेहतर करने और अर्बन प्लानिंग कोर्सेज़ तक पहुंच मुहैया करने बीड़ा उठाएगा।

बजट 2022 में ये भी घोषणा की गई है कि गिफ्ट सिटी में विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को वित्तीय प्रबंधन, फिनटेक, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित जैसे विभिन्न विषयों में पाठ्यक्रम प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी।

कौशल क्षेत्र एक बड़े कायापलट से गुजरने वाला है, और बजट 2022 हमारे छात्रों की नियोजनीयता में सुधार करके इस प्रक्रिया को गति देगा। इस कौशल क्षेत्र को पुनः उन्मुख किया जाएगा ताकि निरंतर कौशल प्रदानता, स्थिरता और नियोजनीयता को बढ़ावा दिया जा सके, और राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) को उद्योग की डायनेमिक जरूरतों के साथ जोड़ा जा सके।

'डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एंड लाइवलीहुड - देश-स्टैक ई-पोर्टल' का शुभारंभ नागरिकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण के जरिए स्किल, रीस्किल या अपस्किल के लिए सशक्त करेगा। ये प्रासंगिक नौकरियों और उद्यमशीलता के अवसरों को खोजने के लिए एपीआई-आधारित विश्वसनीय कौशल प्रमाण-पत्र, भुगतान और खोज परतें भी प्रदान करेगा। 'ड्रोन शक्ति' को सुगम करने और ड्रोन-एज़-अ-सर्विस के लिए स्टार्ट अप्स को बढ़ावा देने से रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे। हमारे युवाओं को इसके लिए तैयार करने हेतु, जरूरी स्किलिंग कोर्स सभी राज्यों में चुनिंदा आईटीआई में शुरू किए जाएंगे।

बजट 2022 में पीएम गति शक्ति कार्यक्रम और पीएलआई कार्यक्रमों पर जोर देने का विशेष रूप से स्वागत है क्योंकि ये हमारे युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा करेंगे। उत्पादकता से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत 14 सेक्टर्स में 60 लाख नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। ये युवा भारत के लिए अपनी आकांक्षाओं को साकार करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। आवश्यक पाठ्यक्रम विकसित कर इस पहल में मदद करने के लिए एजुकेशन इकोसिस्टम भी तैयार किया जाएगा। इस दिशा में अगले साल के दौरान 5000 कौशल केंद्रों में शिक्षा मंत्रालय और एमएसडीई की स्किल हब पहल शुरू की जाएगी।

 

बजट 2022-23 à¤•à¥€ सुर्खियां - स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग

· वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के बजट आवंटन में 8575.71 करोड़ रुपये (15.63%) की कुल बढ़ोतरी हुई है।

· वित्त वर्ष 2022-23 में कुल बजट आवंटन 63449.37 करोड़ रुपये है जिसमें से योजना आवंटन 51052.37 करोड़ रुपये और गैर-योजना आवंटन 12397 करोड़ रुपये है।

· समग्र शिक्षा की प्रमुख योजना में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट आवंटन में 6333.20 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, ये बजट अनुमान 2021-22 में 31050.16 करोड़ रुपये था, वहीं बजट अनुमान 2022-23 में ये 37383.36 करोड़ रुपये रखा गया है।

· विश्व बैंक से सहायता प्राप्त 'स्टार्स' योजना के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के बजट आवंटन में 65.00 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। बजट अनुमान 2021-22 में ये 485.00 करोड़ रुपये था, वहीं बजट अनुमान 2022-23 में 550.00 करोड़ हो गया है।

· केवीएस में आवंटन में 850.00 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है (बजट अनुमान 2021-22 में 6800.00 करोड़ रुपये से, बजट अनुमान 2022-23 में 7650.00 करोड़ रुपये) और एनवीएस में 315.00 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है (बजट अनुमान 2021-22 में 3800.00 करोड़ रुपये से बजट अनुमान 2022-23 में 4115.00 करोड़ रुपये)

 

बजट 2022-23 à¤•à¥€ सुर्खियां - उच्च शिक्षा विभाग

· वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2022-23 में उच्च शिक्षा विभाग के बजट आवंटन में 2477.7 करोड़ रुपये (6.46%) की समग्र वृद्धि हुई है।

· वित्त वर्ष 2022-23 में कुल बजट आवंटन 40828.35 करोड़ रुपये है जिसमें से योजना आवंटन 7454.97 करोड़ रुपये और गैर-योजना आवंटन 33373.38 करोड़ रुपये है।






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