समाचार ब्यूरो
29/01/2022  :  11:27 HH:MM
केजरीवाल सरकार जल्द दिल्ली में पंपों पर डीजल-पेट्रोल भरवाने के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र अनिवार्य करेगी
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केजरीवाल सरकार जल्द ही पंपों पर ईंधन भरने के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र अनिवार्य करेगी। ड्राफ्ट को अधिसूचित करने से पहले जनता की राय के लिए रखा जाएगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि नीति यह सुनिश्चित करने में हमारी मदद करेगी कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहन दिल्ली में न चलें और लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सकें। पर्यावरण मंत्री की सलाहकार रीना गुप्ता ने कहा कि नीति दिल्ली के सभी नागरिकों के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए केजरीवाल सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। वाहन मालिकों को अपना पीयूसीसी पेट्रोल पंप तक ले जाना होगा। यदि पीयूसीसी अमान्य पाया जाता है तो उसी पंप पर पुनः जारी करवाना होगा।


-ड्राफ्ट के अधिसूचित होने से पहले जनता की राय ली जाएगी

- नई नीति यह सुनिश्चित करने में हमारी मदद करेगी कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहन दिल्ली में न चलें और लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सकें- गोपाल राय

- यह दिल्ली के सभी नागरिकों के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए केजरीवाल सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है- रीना गुप्ता

- वाहन मालिकों को पीयूसी सर्टिफिकेट पेट्रोल-डीजल पंप पर साथ रखना होगा, यदि पीयूसीसी अमान्य पाया जाता है तो पंप पर पुनः जारी करवाना होगा

नई दिल्ली, 28 जनवरी, 2021

केजरीवाल सरकार जल्द ही पंपों पर ईंधन भरने के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र अनिवार्य करेगी। ड्राफ्ट को अधिसूचित करने से पहले जनता की राय के लिए रखा जाएगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि नीति यह सुनिश्चित करने में हमारी मदद करेगी कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहन दिल्ली में न चलें और लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सकें। पर्यावरण मंत्री की सलाहकार रीना गुप्ता ने कहा कि नीति दिल्ली के सभी नागरिकों के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए केजरीवाल सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। वाहन मालिकों को अपना पीयूसीसी पेट्रोल पंप तक ले जाना होगा। यदि पीयूसीसी अमान्य पाया जाता है तो उसी पंप पर पुनः जारी करवाना होगा।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा यह एक बहुत ही महत्वाकांक्षी नीति लाई जा रही है। दिल्ली सहित उत्तर भारत को विशेष रूप से सर्दियों में गंभीर वायु प्रदूषण का सामना करता है। इस नीति के लागू होने के बाद वाहनों को पंपों पर ईंधन भरवाते समय पीयूसी प्रमाण पत्र को अनिवार्य रूप से साथ रखना होगा। इस प्रकार, राज्य में हर वाहन के प्रदूषण के स्तर को समय-समय पर चैक किया जाएगा। नीति प्रभावी रूप से यह सुनिश्चित करने में हमारी मदद करेगी कि प्रदूषण करने वाले वाहन दिल्ली में न चलें और लोग स्वच्छ हवा का आनंद ले सकें। इस ड्राफ्ट को जनता की राय के लिए रखा जा रहा है और अधिसूचित होने से पहले समीक्षा की जा रही है।

रीना गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने वैध पीयूसी प्रमाणपत्रों से पेट्रोल-डीजल की खरीद को जोड़कर एक और क्रांतिकारी कदम उठाया है। यह दिल्ली के सभी नागरिकों के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए केजरीवाल सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

पीयूसी प्रमाणपत्र क्या है?

प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र, वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पंजीकृत पीयूसी केंद्रों के माध्यम से जारी किया जाता है। दिल्ली में 10 जोन में लगभग 966 ऐसे केंद्र है। यह वाहनों के प्रदूषण की निगरानी और उत्सर्जन मानदंडों के अनुसार वाहनों की फिटनेस प्रमाणित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रदूषण स्तर परीक्षण निरीक्षकों द्वारा समय-समय पर जांच भी की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पीयूसी केंद्रों द्वारा सही प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं।

विभाग के अनुभव के अनुसार पेट्रोल पंपों पर पीयूसीसी की जांच अत्यधिक प्रभावी तरीके से होती है। इस वजह से दिल्ली में पेट्रोल पंपों पर वाहनों में ईंधन भरने के लिए पीयूसी प्रमाणीकरण अनिवार्य करने का प्रस्ताव लाया गया है। दिल्ली के खराब वायु गुणवत्ता स्तर को देखते हुए इस कदम से सड़कों पर गैर-प्रदूषणकारी वाहन देखने को मिलेंगे।

असुविधा को कम करने के लिए तकनीकी आधारित कार्यान्वयन विधियों को भी लाया जाना चाहिए

नीति की स्वीकृति के साथ-साथ सरकार इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तकनीकी आधारित पद्धतियां स्थापित करने पर भी काम कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीयूसी प्रमाण पत्र की जांच के संबंध में वाहन मालिकों के साथ-साथ पेट्रोल पंप मालिकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े और लंबी कतारें न लगें। इन विधियों में आरएफआईडी जैसी तकनीक भी शामिल हो सकती है।

दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए सभी उपाय कर रही है

उल्लेखनीय है कि केजरीवाल सरकार लगातार वाहन प्रदूषण कम करने के लिए पहल करती रही है। इन कदमों को मोटे तौर पर तकनीकी और गैर-तकनीकी उपायों में वर्गीकृत किया जा सकता है। गैर-तकनीकी उपकरणों में बेहतर यातायात प्रबंधन प्रणाली, सार्वजनिक परिवहन में वृद्धि, जन जागरूकता पैदा करना और जांच के लिए अभियान चलाना जैसे कदम शामिल हैं। वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तकनीकी उपकरणों में वाहन प्रौद्योगिकी में सुधार, ईंधन की गुणवत्ता में सुधार, स्वच्छ ईंधन पर वाहनों को स्विच करना, नए और पुराने वाहनों के लिए कड़े उत्सर्जन मानदंडों का कार्यान्वयन और एक कुशल पीयूसीसी प्रणाली शामिल है।






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